Monday, October 31, 2011

कितने

कितने हादसों की नुमाइश नहीं होती अखबारों में रोमिल,
कितने दिल टूट जाते है, बिना आंसू बहाए...

Sunday, October 30, 2011

ज़िन्दगी खवाब हो गई...

जाने क्या खता हो गई
ज़िन्दगी जुदा हो गई
टूटे कुछ इस तरह से अपने ख़वाब रोमिल
ज़िन्दगी ख़वाब हो गई...

Tuesday, October 18, 2011

मैंने भी किसी से प्यार किया हैं...

अगर हर चेहरे में उसका चेहरा नज़र आता हैं,
अगर हर बात पर उसका नाम लेता हूँ,
अगर इसे प्यार कहते हैं, तोह हाँ,
मैंने भी किसी से प्यार किया हैं...

अगर किसी के इंतज़ार करने में समय नहीं देखते,
अगर उसके आने पर दिल झूम उठता हैं,
अगर इसे प्यार कहते हैं, तोह हाँ,
मैंने भी किसी से प्यार किया हैं...


अगर किसी के दूर जाने के बाद उसकी याद सताती हैं,

अगर सबके साथ रहते हुए भी अकेलापन महसूस करतें हैं,
अगर इसे प्यार कहते हैं, तोह हाँ,
मैंने भी किसी से प्यार किया हैं...

खुद से बातें करना,
हर प्यारे से गाने पर सिर्फ हम-दोनों का नज़र आना,
अगर इसे प्यार कहते हैं, तोह हाँ,
मैंने भी किसी से प्यार किया हैं...

उसके दिल में मेरे प्यार की कोई जगह नहीं,
फिर भी उसके हाँ का इंतज़ार करना,
अगर इसे प्यार कहते हैं, तोह हाँ रोमिल,
मैंने भी किसी से प्यार किया हैं...

Monday, October 17, 2011

मैं रोज़ नए गम से मिलता हूँ...


मैं रोज़ नए गम से मिलता हूँ,
जब तक गम-ए-शमा नहीं होती, 
तब तक मैं रोशन नहीं होता हूँ.
~
मैं तो बस तनहाइयों में उस चाँद को देखा करता हूँ,
फिर न जाने क्यों, खुद पर मुस्कुराकर रोता हूँ.
~
एक आइना थी तेरे आँखें रोमिल, 
जिसमे मैं, अपना दीदार हमेशा करता था,
जबसे आइना बेवफा हो गया,
तब से हमेशा नाक़ाब में रहता हूँ.

Friday, October 14, 2011

बस कुछ और

बस कुछ और दिन तुम अपना दिल बहलालो,
फिर जाने कब बात हो.
बस कुछ और पल तुम मुस्कुरालो,
फिर जाने कब ख़ुशी साथ हो.
बस कुछ और राह हाथों में हाथ डाल कर चलो,
फिर जाने कब साथ राह हो.

#रोमिल अरोरा

Thursday, October 13, 2011

कितनी हसरत थी

कितनी हसरत थी
तुमको अपना बनाने की
खवाब सजाने की
तेरे संग दुनिया बसाने की ...
~*~
आँचल में तेरे छुप जाये आसमान
चाँद भी तेरा दीदार करे
कितनी हसरत थी
तुझको सजाने की...
~*~
तुझसे ही तो मेरे घर की पहचान होगी
तू ही तो मेरी आरज़ू, मेरे अरमान होगी
कितनी हसरत थी
तुझको अपना साया बनाने की...
~*~
दुनिया देखेगी, मोहब्बत अपनी
बंदगी अपनी, चाहत अपनी
कितनी हसरत थी
तुझको अपना रब बनाने की...
~*~
कितनी हसरत थी रोमिल
तुमको अपना बनाने की
खवाब सजाने की
तेरे संग दुनिया बसाने की ...
[प्रेरित]

Wednesday, October 12, 2011

साहिल के किनारे एक शख्स

साहिल के किनारे एक शख्स
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा...

जब मोहब्बत का ज़िक्र उसके सामने छिड़ा होगा
तो सागर में भी एक तूफ़ान उठा होगा...
लिख कर ख़त सागर में डाल रहा होगा
रेत पर किसी का नाम लिख रहा होगा...

साहिल के किनारे एक शख्स 
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा..
***
जब नज़रों की तरफ उसके देखोगे
तो सदियों का इंतज़ार जैसे छिपा होगा
सब तो चले जाते होंगे साहिल को तन्हा छोड़ कर
वोह ज़मीन पर चाँद के उतरने का इंतज़ार करता होगा...
साहिल के किनारे एक शख्स
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा रोमिल...

Tuesday, October 11, 2011

हाथ उठा कर यह दुआ किया करो

हाथ उठा कर यह दुआ किया करो रोमिल
न कोइए जुदा हो
न कोइए उदासियों में जिए
न कोइए किसी के लिए तरपे
न कोइए परेशां हो.

Monday, October 10, 2011

कोइए गम नहीं

मैं जला तो कोइए गम नहीं रोमिल...
कम से कम औरों को तो रोशनी मिल गई...

Sunday, October 9, 2011

हमारी जान है वोह...

मोहब्बत में नादान है वोह,
फिर भी हमारी जान है वोह,
पल भर में आँखों से आंसू बहा देती है वोह,
हर बात को दिल से लगा लेती है वोह,
हमेशा रब, रूह की बातें करती है वोह,
भोली है, 

मासूम है, 
दुनिया से अंजान है वोह,
तभी तो रोमिल हमारी जान है वोह!


#रोमिल अरोरा

Saturday, October 8, 2011

कुछ नहीं रहता इज्ज़त, स्वाभिमान चले जाने के बाद...

ना दो किसी को अपनी ज़िन्दगी के साथ खेलने का हक रोमिल
कि कुछ नहीं रहता इज्ज़त, स्वाभिमान चले जाने के बाद...

Friday, October 7, 2011

सुबह यादों में बीत जाती हैं

सुबह यादों में बीत जाती हैं
रात इंतज़ार में बीत जाती हैं...
***
काफिले-काफिले बदलते रहते हैं 
ज़िन्दगी सफ़र में बीत जाती हैं...
***
वोह वादा करके मिलाने न आये तो 
फ़िक्र उसकी मुझे खा जाती हैं...
***
कैसे भूल जायुं उसकी मुस्कान रोमिल
वोह ही तो सांसें चलाना सीखती हैं...

Thursday, October 6, 2011

समझ

जब समझ नहीं थी सनम को हमारी शायरी के अल्फाज़ो की,
तब खूब तालियाँ बजाया करते थे,
जब से समझने लगे है हमारी शायरी के अल्फाज़ो को रोमिल,
तब से आंसू बहाया करते हैं...

#रोमिल

Wednesday, October 5, 2011

ख़ाक-ए-इज्ज़त

महफ़िल में जाकर अपनी बेइज्जती करवाए कौन
अपने काफी है ख़ाक-ए-इज्ज़त मिलाने को.

#रोमिल

Tuesday, October 4, 2011

कभी तुमको न मैं सताऊंगा

कभी तुमको न मैं सताऊंगा
मोहब्बत-ए-दर्द तुमको न बताऊंगा,
वादा है मेरा, दूर इतना मैं चला जाऊँगा,
चाहे जितना भी तुम पुकारो,
वापस नहीं आऊँगा!

#रोमिल


Monday, October 3, 2011

लगता हैं मोहब्बत करती हो...

गुमसुम चुपचाप रहती हो
उलझी-उलझी ख्यालों में खोई रहती हो
किसका इंतज़ार करती रहती हो
लगता हैं मोहब्बत करती हो...
~*~
हर एक दुनिया वाला यह सवाल करता हैं
किसके लिए तू माँग भरती हो
किसके लिए सजती-सवरती हो
लगता हैं मोहब्बत करती हो...
~*~
दुआ किसके लिए मांगती हो
खुदा से किसके लिए लड़ाई करती हो
कौन हैं वोह जो आँखें नर्म कर जाता हैं
लगता हैं मोहब्बत करती हो...
रोमिल, लगता हैं मोहब्बत करती हैं...

#रोमिल