Saturday, December 31, 2011

Chala Bhi Aa Aaja Rasiya O Jaane Wale Aa Ja Teri Yaad Sataye - Man Ki Aankhen

chala bhi aa ho aja rasiyaa
o jaane wale aa ja teri yaad sataye
khawabon ka gharaunda kahin toot na jaaye

jaane wale aa jaa teri yaad sataye
khawabon ka gharaunda kahin toot na jaaye
chala bhi aa ho aajaa rasiyaa
jaane waale aa jaa teri yaad sataaye
khwabon ka gharaunda kahin toot na jaaye
murjha chale hain armaan sare
dhundhala gaye hain sabhi ujale nazare
kaisi jiyungi ghamon ke sahare
tarsi nigahen meri tujhko sadaye dein
dhadkan pukaaren
chala bhi ho aa aja rasiya
dil to gaya mera kahin na jaye
jaane waale aaja teri yaad sataye
chala bhi aa

ho ho ho
meri lagan ko kahan toone jana
tere liye to mera dil hai deewana
har saans meri tera hi tarana
ye zindagani kya hai teri kahani hai
tera fasana
tera mera ho wo hai rishta
ke tootein jo balayein bhi to toot na paye
tootein jo balayein bhi to toot na paye
tootein jo balayein bhi to toot na paye
tootein jo balayein bhi to toot na paye

kuch shabd...

उसकी तमन्ना के सिवा ज़िन्दगी में कोई तमन्ना नहीं,
मुझे तो रोमिल, जररे-जररे में उसका चेहरा नज़र आता है.
***
लोग कहते है परवर दीगार के घर जाया कर,
मैं कहता हूँ उसने अभी तक मुझे अपना पता बताया नहीं.

लोग कहते है रब के सामने सर झुकाया कर,
मैं कहता हूँ रोमिल, वोह कभी सामने आया नहीं.

Friday, December 30, 2011

यादों में चिराग-ए-दिल जलता रहा सारी रात

यादों में चिराग-ए-दिल जलता रहा सारी रात
हम वजह-ए-तन्हाई किसी को बता न सके...
~*~
फैसला-ए-इश्क हमको मंज़ूर था उनका
हम टूटे हुए खवाब किसी को दिखा न सके...
~*~
दामन-ए-यार की आरज़ू थी अपनी
हम जला हुआ हाथ छुपा न सके...
~*~
आरज़ू थी की उनकी नज़रों के नूर बने
हम अपने आंसू बहने से बचा न सके...
~*~
यादों में चिराग-ए-दिल जलता रहा सारी रात
रोमिल, हम वजह-ए-तन्हाई किसी को बता न सके...

Thursday, December 29, 2011

teri aankhon ke siwa duniya mein rakha kya hai

teri aankhon ke siwa duniya mein rakha kya hai
yeh uthe subah chale, ye jhuke shaam dhale
mera jeena, mera marna, inhi palakon ke tale

yeh ho kahin inka saya mere dil se jata nahi
inke siwa ab to kuch bhi nazar mujhko aata nahi

yeh uthe subah chale, ye jhuke shaam dhale
mera jeena, mera marna, inhi palakon ke tale

teri aankhon ke siwa duniya mein rakha kya hai

thokar jahan maine khai inhone pukara mujhe
ye humsafar hain to kafi hain inka sahara mujhe

thokar jahan maine khayi inhone pukara mujhe

yeh uthe subah chale, ye jhuke shaam dhale
mera jeena, mera marna, inhi palakon ke tale

teri aankhon ke siwa duniya mein rakha kya hai

न जाने कहाँ है मेरा आशियाना

न जाने कहाँ है मेरा आशियाना,
मेरी दुनिया,
मेरा ठिकाना!
~
न कोई मंजिल, न कोई रास्ता है पता,
जाना मुझे कहाँ न इसका पता,
कोई अपना न कोई पराया,
बस पीछे छोड़ते जाना मुझे कदमों के निशाँ!
न जाने कहाँ है मेरा आशियाना,
मेरी दुनिया,
मेरा ठिकाना!
~
कोई न पुकारे मुझे,
न कोई रोके मुझे,
धीमे-धीमे, हल्के-हल्के,
चलते जाना है मुझे वहाँ,
जहाँ मेरा आशियाना,
मेरी दुनिया,
मेरा ठिकाना!
हो... हो
हो... हो
~
अब मुझे फुरसत कहाँ,
अब मुझे चैन कहाँ,
न कोइए दोस्त,
न कोइए हमदम,
बस
चलते जाना है मुझे वहाँ,
रोमिल, जहाँ मेरा आशियाना,
मेरी दुनिया,
मेरा ठिकाना!
हो... हो
हो... हो

Wednesday, December 28, 2011

बड़े याद आते हैं तेरे जनाज़े के फूल

बड़े याद आते हैं तेरे जनाज़े के फूल
मेरी मजबूरियों के फूल
तेरी बेरुखी के फूल...
*
हर कोई देखता हैं मुझे हैरत से
लगता हैं तुमने आसमान में फैला दिए हैं
हमारी मोहब्बत के फूल...
*
उधर तुम भी बेचैन
इधर हम भी बेचैन
चारों तरफ फ़ैले हैं अपनी बेक़रारी के फूल...
*
सूख गए हैं, कहो किससे कहे
आज भी किताबों में रखे हैं
तूझे देने को फूल...
*
गुज़र गया वोह ज़माना रोमिल
जब हम भी दीवाना हुआ करते थे
दिल से लगाये रहते थे तेरे लिखे खतों के फूल...
*
बड़े याद आते हैं तेरे जनाज़े के फूल
मेरी मजबूरियों के फूल
तेरी बेरुखी के फूल...

#रोमिल अरोरा

Tuesday, December 27, 2011

Liye sapne nigahon mein - Mashaal (1984)

Liye sapne nigahon mein - 2 
chala hoon teri rahon mein
Zindagi aa raha hoon main.

Kai yaadon ke chehre hain, 
Kai kisse purane hain,
Teri sau dastane hain, 
Tere kitne fasane hain - 2
Magar ek woh kahani hai, 
Jo ab mujhko sunani hai - 2
Zindagi aa raha hoon main - 2

Mere haathon ki garmi se, 
Pighal jayengi zanjeerein,
Mere kadmon ki aahat se, 
Badal jayengi taqdeerein - 2
Umeedon ke diye lekar, 
Yeh sab tere liye lekar - 2
Zindagi aa raha hoon main - 2

Kabhi tujhko gila mujhse, 
Kabhi mujhko shikayat hai,
Magar phir bhi tujhe meri, 
Mujhe teri zaroorat hai - 2
Main ye iqraar karta hoon, 
Main tujhse pyar karta hoon - 2
Zindagi aa raha hoon main - 2

तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...

तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने
याद हैं मुझको वोह पल
वोह बातें
वोह फ़साने कितने...
तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...
***
सड़क पर साथ-साथ चलना तेरा साया बनकर
वोह देख के तुझको मेरा नज़रे चुराना
रात में छत पर चुपके से आ जाना दीदार को तेरे
तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...
याद हैं मुझको वोह पल
वोह बातें
वोह फ़साने कितने...
तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...
***
वोह सहेलियों संग तेरा मुस्कुराना
देखकर मुझको बातें बनाना
धूप में तेरा जुल्फे सुखाना
मेरी हथेलियों को तेरा छूकर निकल जाना
याद हैं मुझको वोह पल
वोह बातें
वोह फ़साने कितने...
रोमिल तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...

#रोमिल

Monday, December 26, 2011

तेरे नाम की...

हैं चाँद, सितारों में चमक तेरे नाम की
खुदा ने बनाई हैं ऐसी रोशनी तेरे नाम की...
***
न रूप देखा, न सूरत देखी
मन में बसी हैं तस्वीर तेरे नाम की...
***
तू न जाने तेरे बिना कितना दर्द सहा हैं
हर पटरीले रास्ते पर मेरे साथ हैं हिम्मत तेरे नाम की...
***
ज़िन्दगी भर तेरे नाम की माला जपता रहूँ
इतनी श्रद्धा हैं मुझमें रोमिल तेरे नाम की...

#रोमिल

Sunday, December 25, 2011

तेरी मेहंदी पर...

इस जहाँ को
उस जहाँ को लूटा दूं
तेरी मेहंदी पर...
*
नज़रे तकती रहे
यूंह ही खोया-खोया में रहूँ
सब कुछ भूला दूं
तेरी मेहंदी पर...
*
यूंह ही पहलू में लेटा रहूँ
तेरे हांथों की चिल्मन से चाँद को देखता रहूँ
चाँद-तारें भी कुर्बान हो जाये
तेरी मेहंदी पर...
*
रब के नूर सी लगती हैं तेरी मेहंदी
एक दुआ सी लगाती हैं तेरी मेहंदी
हर पल सजी रहे तेरे हांथों में तेरी मेहंदी
हर चाहत,
हर आरज़ू लूटा दूं
रोमिल, तेरी मेहंदी पर...

Saturday, December 24, 2011

खुशबू से महक गए दिल-ए-आशियाने में एक पुराना ख़त पढ़ा अनजाने में...

खुशबू से महक गए दिल-ए-आशियाने में
एक पुराना ख़त पढ़ा अनजाने में...
~*~
जिन ज़ख्मो को वक़्त भर चला था
वोह छिड गए अनजाने में...
~*~
आँखों में नमी थी, हंसी थी होंठों पर
कितने खवाब मचल रहे थे अनजाने में...
~*~
ता-उम्र ढूँढ़ते रहे इश्क दुनिया में
वीरानियाँ मिली खतों में हमे अनजाने में...
~*~
खुशबू से महक गए दिल-ए-आशियाने में
रोमिल, एक पुराना ख़त पढ़ा अनजाने में...

Friday, December 23, 2011

लोग बदनाम कर देंगे...

तू अमानत हैं किसी और की
मेरा ख्याल न कर
लोग बदनाम कर देंगे...
~*~
बड़े होते हैं बे-रहम यह दुनिया वाले
तू मेरा नाम न लिया कर
लोग बदनाम कर देंगे...
~*~
मैंने सजा रखी हैं अपनी रातें तेरी यादों से
तेरे खवाब से मैं अपनी दुनिया रचा लूँगा
मेरे नाम से मेहंदी न रचाया कर
लोग बदनाम कर देंगे...
~*~
यह मेरे गम मेरे साथ ही दुनिया से चले जायेंगे
आंसू बहते-बहते एक दिन आँखों में सूख जायेंगे
तू मेरी परवाह न किया कर
रोमिल, लोग बदनाम कर देंगे...

Thursday, December 22, 2011

आलम

आज भी याद हैं वोह खामोश मुलाक़ात का आलम
चहरे पर दिखती मोहब्बत के जज़्बात का आलम!
~
कपकपाते हाथों से देना गुलाब का आलम
होंठों से झलकती मुस्कान का आलम!
~
वोह आँखों ही आँखों में इकरार का आलम
बिना मंजिल बातें करते-करते चलते जाना
वोह चांदनी रात का आलम !
~
रोमिल आज भी याद हैं वोह खामोश मुलाक़ात का आलम...

Wednesday, December 21, 2011

आँखें

खामोश आँखें कुछ बयान करती है,
कुछ बातें वोह सर-ए-आम करती है.
***
तुम्हारे होंठ भी चुप रहे,
हमारे होंठ भी गुमसुम,
बस आँखों से आँखें गुफ्तगू करती है.
***
सोचता हूँ रोमिल, सलाम कर लूं इन आँखों को,
जो झुका कर दुआ हमारे लिए करती है.
***
तुम आ जाओ बस हमारी बाहों में रोमिल,
यह आँखें तुम्हारा इंतज़ार करती है.

#रोमिल

Tuesday, December 20, 2011

फिर भी अच्छा लगता हैं...

क्या-क्या तुमको हम सुनिए
हर एक टूटा सपना लगता हैं
प्यार में धोखा खाए हैं
फिर भी अच्छा लगता हैं...
~*~
खुद से उसकी बातें करना
पागलपन सा लगता हैं
उसकी यादों में आंसू बहाना
फिर भी अच्छा लगता हैं...
~*~
पानी में उसकी तस्वीर देखना
चाँद सा लगता हैं
उसका नाम रेत पर लिखकर मिटाना
फिर भी अच्छा लगता हैं...
~*~
डूबे हैं उसकी आँखों में रोमिल
फिर न उभरे हैं
सागर में कागज़ की कश्ती चलाना
फिर भी अच्छा लगता हैं...

Monday, December 19, 2011

इन दिनों...

जाग के कटती हैं रात इन दिनों
तुम्हारी यादों का सहारा हैं इन दिनों...
~*~
चांदनी आती नहीं मेरे अंजुमन में
चारों तरफ फैला अँधियारा हैं इन दिनों...
~*~
मुस्कुराना मैं भूल गया हूँ जैसे
बेरुखी का चेहरा लगाये फिरता हूँ इन दिनों...
~*~
चलो काम आ गई जुदाई तुम्हारी रोमिल
वरना पागल ही समझते लोग मुझे इन दिनों...

#रोमिल

Saturday, December 17, 2011

हम उसी दिन समझ गए थे

हम उसी दिन समझ गए थे "नाज़"
जिस दिन उसने हमसे ऊँची आवाज़ में बात की थी...
मेरी सारी उम्मीद ख़ाक की थी...
जिसके शब्दों में रहती थी हमेशा मिठास
उसके शब्दों में करवाहत थी...
मेरी मोहब्बत-ए-बस्ती बर्बाद थी..
~*~
हम उसी दिन समझ गए थे "नाज़"
जिस दिन उसने किसी गैर से मुलाक़ात की थी...
तेज़ हवाओं में मेरी जज़्बात की धज्जियाँ उजाड़ दी थी...
~*~
रो दिए हम देखकर तेरा भी मिजाज़ "नाज़"
तूने भी रब की सुनी
रोमिल के एहसासों की न तुझे कोई फ़िक्र थी...
न रोमिल के खवाबों की कोइए एहमियत थी...

#रोमिल

Friday, December 16, 2011

आशा तो यही है

रोमिल, आशा तो यही है मेरी की तुझे हमेशा मुस्कुराते हुए देखूं, मगर डर है कि लोग अक्सर मुस्कुराहट में अपनों को भूल जाया करते है। 

आंसू का जब सैलाब आता है तो अपने ही याद आते है,
मगर जब ख़ुशी के फूल खिलते है तो ग़ैरों की बाहों में चले जाते है।

#रोमिल

Thursday, December 15, 2011

यहाँ सपने तिनके की तरह बिखर जाते है...

यहाँ सपने तिनके की तरह बिखर जाते है,
हर अपने कांच की चूड़ियों की तरह टूट जाते है,
किस-किसको समेटे अपने आँचल में हम,
ज़िन्दगी की आंधियों में आँचल उड़ जाते है…

कितना बदला-बदला इंसान का चेहरा नज़र आता है,
कभी दोस्त तो कभी दुश्मन यह चेहरा नज़र आता है,
मतलब के रिश्तों की डोर सभी ने अपने हाथों में थाम रखी है,
मुख में राम तो बगल में छूरी छुपा रखी है….

सिर्फ परछाईयों में यार नज़र आते है,
ज़िन्दगी की दौड़ में दोस्त पीछे छूटे हुए नज़र आते है,
दो कदम का साथ पाना तो नामुमकिन है,
रोमिल, यहाँ लोग जनाज़े पर भी मतलब निभाने आते है…..

यहाँ सपने तिनके की तरह बिखर जाते है...

Wednesday, December 14, 2011

जब भी यादों के घर से गुज़रता हूँ

जब भी यादों के घर से गुज़रता हूँ
जुबान पर आ जाता हैं नाम तेरा...
***
हर पल तेरी ही उम्मीद में खोया रहता हूँ
किस्से पूछूं, कौन बताएगा क्या हैं हाल-ए-दिल तेरा...
***
वोह ज़माना, वोह मोहब्बत बहुत याद आती हैं
मेरी बातों में रात भर जगाना तेरा...
***
ज़माने की ख़ाक छानने के बाद मिली थी मंजिल मुझको
मेरे खतों को पढ़कर मुस्कुराना तेरा...
***
अपनी किस्मत पर नाज़ करता था
नसीब को चूम लिया करता था
रोमिल मुझे जब अपना कहना तेरा...
***
जब भी यादों के घर से गुज़रता हूँ
जुबान पर आ जाता हैं नाम तेरा...

Tuesday, December 13, 2011

वोह पल बहुत याद आता हैं...

वोह किताबों में
तेरा नाम लिखना
वोह दीवारों में
तेरा नाम लिखना
अभी भी याद आता हैं...
***
वोह नज़ारे मिलाना
नज़ारे मिलकर, नज़ारे चुराना
तेरे पहलू में मासूमियत के साथ सो जाना
तेरे झूमके के साथ खेलना
अभी भी याद आता हैं...
***
वोह बीता हुआ पल
जिस पल में सिर्फ तुम और हम थे रोमिल
वोह पल बहुत याद आता हैं...

Monday, December 12, 2011

बहुत दिनों के बाद तू मुझको याद आया...

बहुत दिनों के बाद तू मुझको याद आया...
पतझड़ के मौसम में बहारों का दिन आया...
***
फिर निकले आंसू, खुशियों का पैगाम आया
मेरे अँधेरे घर में सूरज का सलाम आया...
***
पूछ रहा हैं हर लम्हा मुझसे हिसाब
सूखे हुए ज़ख्म से क्यों खून आया...
***
चलते रहना तो मुक़द्दर हैं मुसाफिर का
फिर ज़िन्दगी में क्यों ठराव आया...
***
दिल कहता हैं, कह दूं दुनिया-ए-जहां को अल्लाह हाफिज़ रोमिल
मगर मेरी नाज़ का अभी नहीं पैगाम आया...
***
बहुत दिनों के बाद तू मुझको याद आया...
पतझड़ के मौसम में बहारों का दिन आया...

Sunday, December 11, 2011

किसी से क्या कहे...

दिया हैं दिल अगर किसी बेवफा को
हुआ हूँ जब मैं गरीब, किसी से क्या कहे...
~*~
यह ज़िद थी कि अपनी मोहब्बत में तबाह हो जाऊं
जब हुआ हूँ तबाह, किसी से क्या कहे...
~*~
रहा न याद अब मुझे किसी दोस्त का घर
ठहर जाऊं दो घड़ी किसी दुश्मन के घर, किसी से क्या कहे...
~*~
समझ कर करते थे हम मोहब्बत-ए-इज़हार रोमिल
नासमझी में अब किसी का हाथ थाम ले, किसी से क्या कहे...

Saturday, December 10, 2011

कुछ आदत बदल ली है...

मिलते थे जो महफ़िल में कभी मुस्कुराके
वोह अब नज़र फेर लेते है.
कुछ आदत बदल ली है...
~
तहज़ीब से जो बोला करते थे,
वोह अब आवाज़ बदल लेते है.
कुछ आदत बदल ली है...
~
रास्ते में मिलते थे, सलाम करते थे,
वोह अब दूर से ही रास्ता बदल लेते है.
कुछ आदत बदल ली है...
~
मेरी हालत देखकर
मेरे अपनों ने कुछ आदत बदल ली है...

#रोमिल

Friday, December 9, 2011

तस्वीरें अच्छी नहीं लगती हैं मुझे

तस्वीरें अच्छी नहीं लगती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
***
जब भी देखता हूँ उसको तस्वीर में
यादें दे जाती हैं मुझे...
***
मेरे लिए तो उसका नाम ही काफी हैं
बीते लम्हों की मुलाक़ात-ए-आलम ही काफी हैं
नहीं रखना मुझे वास्ता किसी तस्वीर से
हकीक़त से दूर ले जाती हैं मुझे...
***
कदम-कदम पर रिश्ते बदलते देखे हैं मैंने
सावन के मौसम, पतझड़ में बदलते देखे हैं मैंने
यह वापस उसी भूलभुलैया में ले जाती हैं मुझे.,,
***
बन गया कातिल मेरे लिए अपनी नज़रों का दांव
एक तरफ तस्वीर-ए-आम
एक तरफ उसका नाम
रह-रह कर उसकी झूठी मुस्कान याद आती हैं मुझे
तस्वीरें अच्छी नहीं लगाती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...

#रोमिल

Thursday, December 8, 2011

दिल रो पड़ता है

इश्क में दर्द है इतने मिले की.... दिल रो पड़ता है,
ज़माने ने दिए इतने सितम की सोचकर, दिल रो पड़ता है.

मुस्कुराते रहे सब देखकर हमारा तड़पना,
आज भी जब याद आता है उनका मुस्कुराता चेहरा, दिल रो पड़ता है.

उनकी राहों में हमेशा रहे मर-मिट जाने को हम,
देखकर उनका नज़रे हमसे फेरना, दिल रो पड़ता है.

कभी होते थे हम ही उनकी आइना-ए-नज़र रोमिल,
फूलों से जब कोई आइना तोड़ता है, दिल रो पड़ता है
.

#रोमिल

Wednesday, December 7, 2011

पल-पल उसे याद कर रहा हूँ

पल-पल उसे याद कर रहा हूँ
बस आज कल यही काम कर रहा हूँ...
*
ज़ंजीर बांध रखी हैं खुद मैंने अपने पैरों में
सफ़र-ए-इंतज़ार की थकान दूर करने का इंतज़ाम कर रहा हूँ...
*
उसे मोहब्बत के लिए शायद एक ज़िन्दगी कम थी
इसलिए हर जन्म उसके नाम कर रहा हूँ...
*
जो दीपक जलाकर रखा था उसके आने के इंतज़ार में
उसी दीपक को अपनी आंसू की बूंदों से भुझा रहा हूँ...
*
पल-पल उसे याद कर रहा हूँ
रोमिल बस आज कल यही काम कर रहा हूँ...

#रोमिल

Tuesday, December 6, 2011

आज भी

आज भी खुशबू तेरे ख़त से आती हैं
आज भी ख़त पढ़ लू तो आँखों से नींद छीन जाती हैं...
*
आज भी तेरे लिखे शब्दों पर गुमान होता हैं
आज भी हर पल तेरे नाम होता हैं...
*
आज भी शब्द तेरे नगमें बनकर हवा में बिखर जाते हैं
आज भी शब्द तेरे फिजाओं में गाते हैं...
*
आज भी ज़िन्दगी रोशन हो जाती हैं
आज भी खतों में छुपी तेरी मोहब्बत बड़ी याद आती हैं...
रोमिल, आज भी खतों में छुपी तेरी मोहब्बत बड़ी याद आती हैं...

#रोमिल

Monday, December 5, 2011

Heartbreaking Ending In Hindi Movies - Guide (गाइड) 1965

"sawal ab yeh nahi hai ki pani barsega ya nahi
sawal yeh nahi ki mein jiyunga ki marunga
sawal yeh hai
is 
duniya ko banane wala, chalane wala koi hai ya nahi
agar nahi hai to parvah nahi mujhe zindagi mile ya maut aaye
ek andhi duniya mein, andhe ki tarah jeene mein koi parvah nahi
aur agar hai
to dekhana yeh hai ki woh apne majboor bandon ki sunta hai ya nahi"
   
"Raju So Gaye
Soya Tha Par Ab Kuch Kuch Jagane Laga Hoon"

The climax also teaches the Bhagavad Gita's principles: "Man does not die it is only body which dies. Soul remains for ever."

"Raju, Raju...
Jahan Apne Aap Sar Jhuk Jate Hai
Bhagwan Ko Bhi Pathar Ka Roop Maan Liya Jata Hai
Jis Jahan Ko Dekh Kar Parmatama Ki Yaad Aaye
Woh Tirtha Kehlata Hai
Aur Jis Aadmi Ke Darshan Se Parmatama Mein Bhakti Jaage
Woh Mahatama Kehlata Hai"

To agar tere karan purana mandir tirath isthan ban gaya hai
hazaron log, hazaron aankhen upper utha rahi hai prakash ki oor
To fir tujhe chinta kyon?
Sar Jhuka Le
aur 
Shant Ho Kar Beth Ja
Samaj le ki karne wala koi aur hai
tu sirf ek bahana hai
KAAM USKA NAAM TERA
USKA NAAM LE AUR JO SAUPA GAYA HAI US KAAM KO KARTA RAHE
MERI TARAH
EK PATHAR KI TARAH" 

रास्ते में भी साथ छोड़ जाते हैं लोग...

कैसे-कैसे हादसे सह जाते हैं लोग
दिल पर ज़ख्म खाते हैं
फिर भी मुस्कुराते हैं लोग...
***
वक़्त का क्या हैं आकर बीत जाता हैं
यादों में फिर भी दुनिया बसा लेते हैं लोग...
***
जिस चिराग को तूफानों से बचाते हैं
उसी चिराग से अक्सर हाथ जलवा लेते हैं लोग...
***
अपनी दुनिया डूब जाने का डर नहीं हैं
समुन्दर के किनारे रेत के मकान बनाते हैं लोग...
***
मंजिल पर पहुँच कर उसके जाने की उम्मीद नहीं थी मुझको रोमिल
जाने दो...
रास्ते में भी साथ छोड़ जाते हैं लोग...

#रोमिल

Saturday, December 3, 2011

गर तुम मेरे साथ होते

यह बूँदें
यह महकता हुआ मौसम
और भी सुन्दर होते
गर तुम मेरे साथ होते
*
होती प्यार की बातें
भीगी गेसू से सजी होती रातें 
गर तुम मेरे साथ होते
*
होता उड़ता हवा में आँचल
बादलों संग बहता अपना मन
गर तुम मेरे साथ होते
*
और भी हसीन लगता यह दिन
पल-पल मुस्कुराता यह दिन
गर तुम मेरे साथ होते...
रोमिल गर तुम मेरे साथ होते...

Friday, December 2, 2011

मोहब्बत हो जाएगी नजदीकियां न बढ़ाया कीजिये..

रोमिल, चिंगारियों को न इस कदर हवा दीजिये 
मोहब्बत हो जाएगी नजदीकियां न बढ़ाया कीजिये..
*
हूँ मैं आग..आग
मुझे सिर्फ हवा का झोंका न समझिये...
*
जल चुकी हैं मुझसे कई हसीनाएं
वक़्त से पहले अपने क़दम थाम लीजिये...
*
खुदा की क़सम
अब यह प्यार न होगा हमसे हुस्न वालों
इतना तो हमारा ऐतबार कीजिये...

Thursday, December 1, 2011

खुदा का दर छोड़कर तेरे पास आये है...

बहुत मजबूर होकर तेरे पास आये है
खुदा क़सम
खुदा का दर छोड़कर तेरे पास आये है...
*
न ठुकराना हम दर्द-ए-दिल वालों को
अपनों से ठोकर खाकर तेरे पास आये है...
*
न तौफा न दौलत
न तौफा न दौलत
उसकी बेवफाई की कहानी साथ लाये है...
*
तुमसे क्या झूठ बोले
उम्र थोड़ी बची है
तुमसे क्या झूठ बोले
उम्र थोड़ी बची है
अपने कफ़न का सामान साथ लाये है...
*
बहुत मजबूर होकर तेरे पास आये है
खुदा क़सम रोमिल
खुदा का दर छोड़कर तेरे पास आये है...

#रोमिल अरोरा