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Friday, July 15, 2011

दीवाना

▬▬▬▬हुकू▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
रास्ते-रास्ते फिरता हैं
अपना ठिकाना भूल गया
लेकर आँखों में महबूब का चेहरा
दीवाना अपना-पराया सब भूल गया...
~*~
हँसते -हँसते खेल खेले
रोना-धोना सब भूल गया
खेल-खेल में ऐसा टूटा
दीवाना मिट्टी का खिलौना भूल गया...
~*~
जिसको चाहा उसको खोया
कुछ याद रहा कुछ भूल गया
अजनबियों के चहरे में ऐसा उलझा
दीवाना खुद का चेहरा भूल गया...
~*~
क्या कहे किसको सुनाए "रोमिल"
सब गिला, शिकवा भूल गया
ऐसा रूठा ज़माने से
दीवाना सबसे रिश्ता भूल गया...
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬[भालू]▬▬▬▬▬

Sunday, April 4, 2010

ek diwane ko...

jitne mooh hoti rahe apni utani baatein Romil
paagal bana kar rakh diya ek diwane ko...
***
chaha hi kya tha is zamane se waafa ke siwa
har nazar ne paagal samjha is diwane ko...
****
woh baar-baar badalte rahe apna naam, bewafai ke saath
hum jab apna diya naam pukare to log paagal samjhe is diwane ko...
***
zamana puchata hain humse is duniya main kya dekha
hum kehte hain mehboob main rabb
to paagal samjhe is diwane ko...
[written by Romil Arora - copyright reserved]