Tuesday, January 10, 2012

आ कहीं एक नई दुनिया बनाये हम

आ कहीं एक नई दुनिया बनाये हम
अपनी खुशियों से उसको सजाये हम
तू मेरे पास रहे, मेरे खुदा
मैं तेरे पास रहूँ, मेरे खुदा...
आ कहीं एक नई दुनिया बनाये हम...
***
चाँद, तारों से सजे आसमान में
बर्फ से बना हमारा एक घर हो
साथ रंगों से सजे इन्द्रधनुष में
हम तुम साथ-साथ झूलते हो...
आ कहीं एक नई दुनिया बनाये हम
अपनी खुशियों से उसको सजाये हम
तू मेरे पास रहे, मेरे खुदा
मैं तेरे पास रहूँ, मेरे खुदा...
आ कहीं एक नई दुनिया बनाये हम...
***
फूलों की सेज पर लेटे रहे
तेरी जुल्फों की घनी साये में सोये हम
मेरी बाहों की पनाहों में तेरी ज़िन्दगी बीते
तेरी आँखों में खोये रहे हम
तू मेरे पास रहे, मेरे खुदा
मैं तेरे पास रहूँ, मेरे खुदा...
आ कहीं एक नई दुनिया बनाये हम...
रोमिल... आ कहीं एक नई दुनिया बनाये हम...

Monday, January 9, 2012

रुख से हटा के बालों को, दर्द-ए-दिल दे दिया, हम दिलवालों को...

आज कल हमारे अवध (लखनऊ) का मौसम कुछ मस्ताना हैं...

रुख से हटा के बालों को
दर्द-ए-दिल दे दिया, हम दिलवालों को...
~
हल्की-हल्की बारिश की बूंदों में
जो उसने मुडकर देखा हम मनचलों को..

दूर तक देखती रही मेरी नज़रे
उस जाने वाले को...
~
हल्के से उसके दामन के इशारे ने
एक और उलझन दे गया मेरे ख़्वाबों को
मेरे ख्यालों को....
~
प्यारी से मुस्कुराहट उसकी, मुझे यह तो समझा गई
मेरी तड़पती नज़रों का कुछ तो असर हुआ हैं हुस्नवाले को...
~
रुख से हटा के बालों को
दर्द-ए-दिल दे दिया, हम दिलवालों को...

Sunday, January 8, 2012

मैं रिश्ता जिससे तोड़ देता हूँ तो तोड़ देता हूँ

मैं रिश्ता जिससे तोड़ देता हूँ तो तोड़ देता हूँ
जिसका साथ छोड़ देता हूँ तो छोड़ देता हूँ...
मोहब्बत ही नहीं
मैं तो नफरत भी
बड़ी ईमानदारी के साथ करता हूँ...

{{उनके लिखे खतों कि मैं कस्तियाँ बना लेता हूँ
जब शैलाब आएगा मोहब्बत का मेरे शहर में तो बहुत काम आएगी}}

मैं रिश्ता जिससे तोड़ देता हूँ तो तोड़ देता हूँ
जिसका साथ छोड़ देता हूँ तो छोड़ देता हूँ...
मोहब्बत ही नहीं
मैं तो नफरत भी
बड़ी ईमानदारी के साथ करता हूँ...

दिल तो कहता हैं की उसको पैगाम लिखूं
मैं साहिल-ए-रेत पर पैगाम लिख आता हूँ...
सागर भी मेरी तरह हैं जिद्दी
वोह बिगड़ता चला जाता हैं
मैं लिखता चला जाता हूँ....
मैं रिश्ता जिससे तोड़ देता हूँ तो तोड़ देता हूँ
जिसका साथ छोड़ देता हूँ तो छोड़ देता हूँ...

अक्सर लोग कहते हैं
मैं रास्तों में साथ देता नहीं
हर मंजिल से पहले ही रिश्ता तोड़ देता हूँ...
मेरा घर हैं कच्ची सड़क पर
मैं पक्की सड़क का रास्ता छोड़ देता हूँ...

रोमिल, मैं रिश्ता जिससे तोड़ देता हूँ तो तोड़ देता हूँ
जिसका साथ छोड़ देता हूँ तो छोड़ देता हूँ...

Saturday, January 7, 2012

किस तरह तडफा हूँ तेरी यादों में

किस तरह तडफा हूँ तेरी यादों में,
मेरे दोस्तों से पूछो!

मेरे दर्द भरे आंसू की कहानी,
मेरे हसरतों से पूछो!

रात भर जगा हूँ तेरे इंतज़ार में,
मेरे सपनो की बर्बादी की कहानी,
मेरे सायों से पूछो!

किस तरह घूमता फिरता हूँ तेरा नाम लेकर मैं सड़को पर,
मेरे पागलपन की दास्तान मेरे शहर वालों से पूछो !

किस तरह तडफा हूँ रोमिल तेरी यादों में,
मेरे दोस्तों से पूछो!

Friday, January 6, 2012

सिर्फ तेरा सहारा...

टूटी हैं कश्ती
तूफ़ान भी तेज हैं
दूर हैं किनारा
सिर्फ तेरा सहारा...
सिर्फ तेरा सहारा...
~
खुदा भी हैं दुश्मन
ज़माना भी देख रहा नज़ारा
सिर्फ तेरा सहारा...
सिर्फ तेरा सहारा...
~
मिलकर कश्ती को पार लगायेंगे
बहती रहे चाहे जितनी भी तेज धारा
तूफ़ान से लड़कर आगे निकल जायेंगे
हर पल साथ निबायेंगे
सिर्फ तेरा सहारा...
रोमिल, सिर्फ तेरा सहारा...

Thursday, January 5, 2012

मिल तो ऐसे मिल मुझे अपना बना ले तू

मिल तो ऐसे मिल
मुझे अपना बना ले तू
~
मैं तेरा हूँ
मुझे खुद में समा ले तू
~
यह आँखें प्यासी हैं दीदार को तेरी
मेरी प्यास भुझा दे तू
~
रहना नहीं हैं जुदा होकर
हम दोनों को
यह रब को बता दे तू
~
रोमिल, मिल तो ऐसे मिल
मुझे अपना बना ले तू...

Wednesday, January 4, 2012

खुदा करे कुछ ऐसी फिजा हो जाये कि तुझे मुझसे मोहब्बत हो जाये

खुदा करे कुछ ऐसी फिजा हो जाये,
कि तुझे मुझसे मोहब्बत हो जाये,

नूर सदा रहे तेरे चहरे पर,
कि तुझे रोशनी की चाहत हो जाये,
खुदा करे कुछ ऐसी फिजा हो जाये...

चमकता रहे तारा, सदा तेरे माथे पर,
कि अँधेरे को भी रोशनी की आस हो जाये,
खुदा करे कुछ ऐसी फिजा हो जाये...

मुस्कुराहट, चहरे पर तेरे, सुबह लेकर आये,
कि तुझे मुस्कुराने की आदत हो जाये,
खुदा करे कुछ ऐसी फिजा हो जाये...

न दिन को चैन, न रात को तुझे आराम आये,
कि खुदा के बाद सिर्फ तेरे लबो पर मेरा ही नाम आये,
खुदा करे कुछ ऐसी फिजा हो जाये...

खुदा करे कुछ ऐसी फिजा हो जाये
कि तुझे रोमिल से मोहब्बत हो जाये...

Tuesday, January 3, 2012

न हम रब मांगते हैं

न हम रब मांगते हैं
न हम दुनिया-ए-जागीर मांगते हैं
हम तो सिर्फ अपनी वफ़ा का सिला मांगते हैं...
***
तू रहे चाहे किसी की भी सनम
हम तो सिर्फ तेरे दिल के किसी कोने में एक जगह मांगते हैं...
***
शमा की मोहब्बत में जान तक दे दे
हम ऐसे परवाने को पाने की दुआ मांगते हैं...
***
चाहे जितनी भी बेवफाई कर ले हमसे रोमिल
हम तो हमेशा उसकी खुशियों की दुआ मांगते हैं...

Monday, January 2, 2012

आइना हूँ मैं

आइना हूँ मैं
मुझसे कैसी नज़र चुरा पायोगे.
तूने ही तो मेरा घर जलाया हैं
अपने जले हुए हाथ कैसे छुपा पायोगे.
कोई भी पढ़ लेगा तुम्हारा चेहरा
मेरा नाम इस पर से कैसे हटा पायोगे.
दर्द में हूँ फिर भी हाल नहीं पूछते हो
रोमिल, उस खुदा के सामने सजदा कैसे कर पायोगे.

Sunday, January 1, 2012

बात पुरानी नहीं हुई हैं यह

बात पुरानी नहीं हुई हैं यह
सागर आज भी साहिल को देखकर अंगड़ाई लेता हैं...
*
सावन का मौसम जब-जब आये
मोर अपने पंख फैला ही लेता हैं...
*
चाहे गुलाब किताबों में रखा कितना भी पुराना क्यों न हो जाये
आज भी बीती यादें दिल में जगा ही देता हैं...
*
चेहरा बदल जाये
उम्र ढल जाये
मगर एहसास न जुदा हो
साज़ चाहे कितना भी पुराना क्यों न हो रोमिल
होंठों पर आये तो तराना बना ही देता हैं...

#रोमिल अरोरा