Dar-O-Deewar Par Shikway Likhta Rehta Hai
Kitna Pagal Hai Ek Ladka Khud Se Teri Baatein Kiya Karta Hai...
Dar-O-Deewar Par Shikway Likhta Rehta Hai
Kitna Pagal Hai Ek Ladka Khud Se Teri Baatein Kiya Karta Hai...
***
Pucho Na Baarish Ne Bhi Kaisa Sitam Us Par Kar Daala
Uske Likhe Har Lafz Ko Dho Dala
Baarish Ki Boondon Ke Saath Din Bhar Ladta Rehta Hai
Kitna Pagal Hai Ek Ladka Khud Se Teri Baatein Kiya Karta Hai...
Dar-O-Deewar Par Shikway Likhta Rehta Hai
Kitna Pagal Hai Ek Ladka Khud Se Teri Baatein Kiya Karta Hai...
***
Khat Bhejne Ke Liye Pata Tera Usko Maalom Nahi
Kaach Ki Sheeshi Mein Dal Kar Khat Sagar Mein fek Diya Karta Hai...
Dar-O-Deewar Par Shikway Likhta Rehta Hai
Kitna Pagal Hai Ek Ladka Khud Se Teri Baatein Kiya Karta Hai...
***
Jab Bhi Hoti Hai Teri Deedar-E-Aarzoo
Kaagaz Par Bana Kar Tasveer Teri Apne Sirhaane Rakh Liya Karta Hai
Dar-O-Deedar Par Shikway Likhta Rehta Hai
Kitna Pagal Hai Ek Ladka Khud Se Teri Baatein Kiya Karta Hai...
#Romil
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
***
पूछो न बारिश ने भी कैसा सितम उस पर कर डाला
उसके लिखे हर लफ्ज़ को धो डाला
बारिश की बूंदों के साथ दिनभर लड़ता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
***
ख़त भेजने के लिए पता तेरा उसको मालूम नहीं
काँच की शीशी में डालकर ख़त सागर में फ़ेक दिया करता हैं
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
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पूछो न बारिश ने भी कैसा सितम उस पर कर डाला
उसके लिखे हर लफ्ज़ को धो डाला
बारिश की बूंदों के साथ दिनभर लड़ता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
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ख़त भेजने के लिए पता तेरा उसको मालूम नहीं
काँच की शीशी में डालकर ख़त सागर में फ़ेक दिया करता हैं
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
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जब भी होती हैं तेरी दीदार-ए-आरज़ू
कागज़ पर बनाकर तस्वीर तेरी अपने सिरहाने रख लिया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
रोमिल कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
जब भी होती हैं तेरी दीदार-ए-आरज़ू
कागज़ पर बनाकर तस्वीर तेरी अपने सिरहाने रख लिया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
रोमिल कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
#रोमिल