Showing posts with label Aksar.... Show all posts
Showing posts with label Aksar.... Show all posts

Tuesday, September 13, 2011

अक्सर...

हम रातों को शमा जलाते हैं
भुझाते हैं अक्सर...
तुम्हारे यादों में रोते हैं
मुस्कुराते हैं अक्सर...
***
यूँही कट रही हैं ज़िन्दगी अपनी
जैसे साहिल पर लोग आते हैं जाते हैं अक्सर...
***
लोग क्या जाने, क्या छुपा हैं दर्द दिल में हमारे
वो पढ़ते हैं चेहरे अक्सर...
***
रास्तों पर तन्हा चलने का गम कोई हमसे पूछे
मंजिल पर आकर, हार जाते हैं हम अक्सर...
***
हम चाहते थे आसमान में लिख दे मोहब्बत-ए-दास्तान
हमारे दुश्मन बने हैं हमारे खानदानवाले अक्सर...
***
हम रातों को शमा जलाते हैं
भुझाते हैं अक्सर...
तुम्हारे यादों में रोते हैं
मुस्कुराते हैं अक्सर...

#रोमिल

Thursday, December 10, 2009

Tumhari yaadon mein rote hai muskurate hai aksar...

Hum raaton ko shama jalate hai
bhujate hai aksar...
Tumhari yaadon mein rote hai
muskurate hai aksar...
***
Yunhi kat rahi hai zindagi apni
Jaise sahil par log aate hai jaate hain aksar...
***
Log kya jaane, kya chupa hai dard dil mein hamare
Woh padte hai chehare aksar...
***
Raaston par tanha chalne ka gum koi humse puche
Manzil par aakar, haar jaate hai hum aksar...
***
Hum chahte the aasman mein likh de mohabbat-e-dastaan
Hamare dushman bane hai hamare khandanwale aksar...
***
Hum raaton ko shama jalate hai
bhujate hai aksar...
Tumhari yaadon mein rote hai
muskurate hai aksar...
[written by romil arora - copyright reserved]