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Friday, December 23, 2011

लोग बदनाम कर देंगे...

तू अमानत हैं किसी और की
मेरा ख्याल न कर
लोग बदनाम कर देंगे...
~*~
बड़े होते हैं बे-रहम यह दुनिया वाले
तू मेरा नाम न लिया कर
लोग बदनाम कर देंगे...
~*~
मैंने सजा रखी हैं अपनी रातें तेरी यादों से
तेरे खवाब से मैं अपनी दुनिया रचा लूँगा
मेरे नाम से मेहंदी न रचाया कर
लोग बदनाम कर देंगे...
~*~
यह मेरे गम मेरे साथ ही दुनिया से चले जायेंगे
आंसू बहते-बहते एक दिन आँखों में सूख जायेंगे
तू मेरी परवाह न किया कर
रोमिल, लोग बदनाम कर देंगे...

Monday, December 5, 2011

रास्ते में भी साथ छोड़ जाते हैं लोग...

कैसे-कैसे हादसे सह जाते हैं लोग
दिल पर ज़ख्म खाते हैं
फिर भी मुस्कुराते हैं लोग...
***
वक़्त का क्या हैं आकर बीत जाता हैं
यादों में फिर भी दुनिया बसा लेते हैं लोग...
***
जिस चिराग को तूफानों से बचाते हैं
उसी चिराग से अक्सर हाथ जलवा लेते हैं लोग...
***
अपनी दुनिया डूब जाने का डर नहीं हैं
समुन्दर के किनारे रेत के मकान बनाते हैं लोग...
***
मंजिल पर पहुँच कर उसके जाने की उम्मीद नहीं थी मुझको रोमिल
जाने दो...
रास्ते में भी साथ छोड़ जाते हैं लोग...

#रोमिल

Monday, September 26, 2011

यही जो लोग रोमिल तुझे अपने ख़ास लगते हैं

यही जो लोग रोमिल तुझे अपने ख़ास लगते हैं
यही तो मुझको बदनाम करते हैं...
***
जो तुम्हारी नज़रों में नेकी-ए-खुदा बनते हैं
यही तो मासूमो को बुरा बनाया करते हैं...
***
शराफत का पहन रखा हैं जिन्होंने चोला
यही तो मुझसे बुरी बात किया करते हैं...
***
इत्तेफाक की बात हैं या उनकी साज़िश
जब भी हम गुनेहगार होते हैं
हाथों के निशान इनके ही मिला करते हैं...

#रोमिल

Tuesday, June 14, 2011

कुछ लोग हमारे साथ वफ़ा से रहे

कुछ लोग हमारे साथ वफ़ा से रहे
फिर भी बेवफा से रहे 
~
चिराग ने जलाया हैं घर मेरा 
फिर क्यों दुश्मनी हवा से रहे 
~
खुद ही मोहब्बत का रोग हमने पाला हैं
फिर क्यों गिला महबूब से रहे 
~
हजारों ज़ुल्मो-सितम दिए हैं मुझे खुदा ने
फिर क्यों खफा दुआ से रहे !
~
ज़िन्दगी ने पल-पल पर मेरा साथ छोड़ा हैं रोमिल
फिर क्यों उम्मीद मौत से रहे!

Thursday, December 24, 2009

log badnaam kar denge...

tu amanat hain kisi aur ki
mera khayal na kar
log badnaam kar denge...
~*~
baade hote hain be-reham yeh duniya wale
tu mera naam na liya kar
log badnaam kar denge...
~*~
maine saaja rakhi hain apni raatein teri yaadon se
tere khawab se main apni duniya raacha lunga
mere naam se mehandi na raachaya kar
log badnaam kar denge...
~*~
yeh mere gum mere saath hi duniya se chale jayenge
aansoo behate-behate ek din aankhon main suukh jayenge
tu meri parvah na kiya kar
log badnaam kar denge...
[written by romil arora - copyright reserved]

Tuesday, February 10, 2009

kuch log....

kuch log hamare saath wafa se rahe
fhir bhi bewafa se rahe
~
chirag ne jalaya hain ghar mera
fhir kyon dushmani haawan se rahe
~
khud hi mohabbat ka rog humne paala hain
fhir kyon gila mehboob se rahe
~
hazaron zulmo-sitam diye hain mujhe khuda ne
fhir kyon khafa dua se rahe!
~
zindagi ne pal-pal par mera saath choda hain
fhir kyon umeed maut se rahe!
[copyright reserved-written by romil arora]