Showing posts with label ZIDD. Show all posts
Showing posts with label ZIDD. Show all posts

Monday, March 26, 2018

हमारी उंगली साहिल पे है...

हमारी उंगली साहिल पे है... 
ज़िद है इसी की रेत पे अपना नाम लिखेंगे... 
सागर की लहरों को जो बिगाड़ना है बिगाड़ ले...

#रोमिल

Wednesday, November 30, 2011

जैसे फूल, काँटों से लिपटे-लिपटे रहते है...

वोह जिद पर अड़े-अड़े रहते है
जैसे फूल, काँटों से लिपटे-लिपटे रहते है...
*
अनबन में हम-दोनों इस तरह उलझे है
वो दूर भी रहते हैं, करीब भी रहते है...
*
हर एक बात पर जो मेरा ज़िक्र किया करते थे
वो आजकल मेरा नाम लेने से भी परहेज किया करते है...
*
उलझन है बस इस बात की दिल में रोमिल
वो देकर दर्द मुझे
क्यों इतना तन्हाई में रोते है...

#रोमिल