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Thursday, August 1, 2019

mujhe apne Bhudappe ke siwa kisi cheez ki fikr nahi hai...

mujhe apne Bhudape ke siwa kisi cheez ki fikr nahi hai...

dunia kal ki jalti hai...toh aaj jale... maachis ki jarurat hai to main lakar deta hun...

#Romil

मुझे अपने बुढ़ापे के सिवा किसी चीज की फिक्र नहीं है... 

दुनिया कल की जलती है... तो आज जले... माचिस की जरूरत है तो मैं लाकर देता हूं...

#रोमिल

maine apne aapko masjid ki tarah paak rakha hai...

maine apne aapko masjid ki tarah paak rakha hai...

mere baare mein bolne se pehle... kuch to Khuda ka khauf karo...

#Romil

मैंने अपने आपको मस्जिद की तरह पाक रखा है... 

मेरे बारे में बोलने से पहले... कुछ तो ख़ुदा का खौफ करो...

#रोमिल

Monday, January 2, 2012

आइना हूँ मैं...

आइना हूँ मैं
मुझसे कैसी नज़र चुरा पाओगे.

तूने ही तो मेरा घर जलाया हैं
अपने जले हुए हाथ कैसे छुपा पाओगे.

कोई भी पढ़ लेगा तुम्हारा चेहरा
मेरा नाम इस पर से कैसे हटा पाओगे.

दर्द में हूँ फिर भी हाल नहीं पूछते हो
रोमिल, उस खुदा के सामने सजदा कैसे कर पाओगे.

#रोमिल

Wednesday, November 9, 2011

मैं खुश हूँ उसे खुश देखकर...

रोमिल, अपने दिल-ए-अरमान को सर-ए-दुनिया में बेचकर
मैं खुश हूँ उसे खुश देखकर...

#रोमिल

Monday, October 17, 2011

मैं रोज़ नए गम से मिलता हूँ...

मैं रोज़ नए गम से मिलता हूँ,
जब तक गम-ए-शमा नहीं होती, 
तब तक मैं रोशन नहीं होता हूँ.
~
मैं तो बस तनहाइयों में उस चाँद को देखा करता हूँ,
फिर न जाने क्यों, खुद पर मुस्कुराकर रोता हूँ.
~
एक आइना थी तेरे आँखें रोमिल, 
जिसमे मैं, अपना दीदार हमेशा करता था,
जबसे आइना बेवफा हो गया,
तब से हमेशा नाक़ाब में रहता हूँ.

#रोमिल

Tuesday, August 16, 2011

मैं नहीं हूँ मैं...

रात भर सो न सका मैं
तेरे आने के इंतज़ार में रहा मैं...
~*~
जब दिखा नहीं मुझे चाँद
घने बादलों को देख रो पड़ा मैं...
~*~
यूँही तरफ्ता रहा
बेबस रोता रहा
रब से शिकायत करता रहा
क्यों उससे जुदा हुआ मैं...
~*~
यूं तो जिंदा हूँ
सांसें ले रहा हूँ
कभी-कभी मुस्कुरा भी रहा हूँ
तेरी जुदाई से मन ही मन जले जा रहा हूँ मैं...
~*~
एक बार करीब आकर तो देख
तेरे बगैर रोमिल
मैं नहीं हूँ मैं...

Thursday, August 11, 2011

लोग कहते हैं मैं देवदास बना फिरता हूँ!


होंठों पर हंसी
दिल में गम लिए फिरता हूँ
लोग कहते हैं मैं देवदास बना फिरता हूँ!
***
पारो (नाज़) को
हर चंद्रमुखी में ढूँढता फिरता हूँ
लोग कहते हैं मैं देवदास बना फिरता हूँ!
***
बचपन की यादें
पारो (नाज़) की बातें याद किया करता हूँ
लोग कहते हैं मैं देवदास बना फिरता हूँ!
***
हूँ नाशे में,
मुझे होश नहीं
मैं यादों का हर पल जाम पिया करता हूँ
रोमिल, लोग कहते हैं मैं देवदास बना फिरता हूँ!

#रोमिल

Wednesday, April 6, 2011

मैं...

उसे खोकर भी खोया नहीं हूँ मैं
रोमिल उसके जनाज़े से लिपटकर रोया नहीं हूँ मैं
कर रहा हूँ इंतज़ार उसका क़यामत तक
अपनी साँसों से रिश्ता अभी तक तोड़ा नहीं हूँ मैं...

#रोमिल
***

Saturday, April 3, 2010

aaina hu main...

aaina hu main
mujhse kaise nazar chura paoge.
tune hi to mera ghar jalaya hai
apne jale hue haath kaise chupa paoge.
***
koi bhi padh lega tumhara chehara
mera naam ispar se kaise hata paoge.
dard mein hoon fir bhi haal nahi puchate ho
us khuda ke samne sajda kaise kar paoge.

#Romil

आईना हूं मैं 

मुझसे कैसे नजर चुरा पाओगी. 
तूने ही तो मेरा घर जलाया है 
अपने जले हुए हाथ कैसे छुपा पाओगे. 

कोई भी पढ़ लेगा तुम्हारा चेहरा 
मेरा नाम इसपर से कैसे हटा पाओगी 
दर्द में हूं फिर भी हाल नहीं पूछते हो 
उस खुदा के सामने सजदा कैसे कर पाओगे.

#रोमिल

Friday, November 13, 2009

Raat bhar so na saka main, tere aane ke intezaar mein raha main...

raat bhar so na saka main
tere aane ke intezaar mein raha main...
~*~
jab dikha nahi mujhe chand
ghane badalo ko dekh ro paada main...
~*~
yun hi tadapta raha
bebas rota raha
rab se shikayat karta raha
kyon usse juda hua main...
~*~
yun to zinda hu
saansein le raha hu 
muskura bhi raha hu
teri judai se mann hi mann jaale ja raha hu main...
~*~
ek baar kareeb aakar to dekh
tere bagair
main nahi hu main...

#Romil

रात भर सो ना सका मैं 
तेरे आने के इंतजार में रहा मैं...

जब दिखा नहीं मुझे चांद 
घने बादलों को देख रो पड़ा मैं...

यूं ही तड़पता रहा 
बेबस रोता रहा 
रब से शिकायत करता रहा 
क्यों उससे जुदा हुआ मैं...

यूं तो जिंदा हूं 
साँसे ले रहा हूं 
मुस्कुरा भी रहा हूं 
तेरी जुदाई से मन ही मन जले जा रहा हूं मैं... 

एक बार करीब आकर तो देख 
तेरे बगैर 
मैं नहीं हूं मैं... 

#रोमिल

Sunday, February 15, 2009

thoda khidki-darwaje khule rehne do...


ujalon se meri dushmani hain
magar haawan ko to ghar main aane do
thoda khidki-darwaje khule rehne do...
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dostoon se meri dushmani hain
magar dushmano ko to ghar main aane do
thoda khidki-darwaje khule rehne do...
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apne na ho mujhe pasand
magar gairon se to do baatein kar laine do
thoda khidki-darwaje khule rehne do....
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woh bhool gaya ho mera pata
magar mujhe to uska intezaar kar laine do
thoda khidki-darwaje khule rehne do....
[written by romil arora-copyright reserved]

Saturday, January 24, 2009

Ranj aur dard ki basti mein, main rehta hu...

~*~
ranj aur dard ki basti mein main rehta hu
ki peekar gum, khush main rehta hu
hai chaaron taraf meri barbadi ka charcha
main patjhad ke mausam mein bhi phool ki tarah khila rehta hu!
~*~
#Romil

रंज और ग़म की बस्ती में मैं रहता हूं 
की पीकर ग़म, ख़ुश मैं रहता हूँ
हैं चारों तरफ मेरी बर्बादी का चर्चा 
मैं पतझड़ के मौसम में भी फूल की तरह खिला रहता हूं...

#रोमिल

Saturday, September 20, 2008

Main...

!*!Main Roz Naye Gum Se Milta Hoon,
Jab Tak Gum-e-Shama Nahi Hoti, 
Tab Tak Main Roshan Nahi Hota Hoon!*!
~
!*!Main To Bas Tanhaiyon Mein Us Chand Ko Dekha Karta Hoon,
Fir Na Jaane Kyon, Khud Par Muskurakar Rota Hoon!*!
~
!*!Ek Aaina Thi Teri Aankhein,
Jisme Main, Apna Deedar Hamesha Karta Tha,
Jab Aaina Bewafa Ho Gaya,
Bas Ab Hamesha Naqaab Mein Rehta Hoon!*!

#Romil

मैं रोज नए गम से मिलता हूं 
जब तक ग़म-ए-शमा नहीं होती 
तब तक मैं रोशन नहीं होता हूं... 

मैं तो बस तन्हाइयों में उस चांद को देखा करता हूँ 
फिर ना जाने क्यों, खुद पर मुस्कुराकर रोता हूं... 

एक आईना थी तेरी आंखें हैं 
जिसमें मैं अपना दीदार हमेशा करता था 
जब आईना बेवफा हो गया 
बस अब हमेशा नकाब में रहता हूं...

#रोमिल

Saturday, July 26, 2008

Dhoondata Hu.....

*****
Main Musafir Hu,
Manzil Dhoondata Hu.


Main Wafaadar Hu,
Humsafar Dhoondata Hu/


Main Dard-e-Dil Ka Maariz Hu,
Daava Dhoondata Hu/


Main Haar Chuka Hu Is Be-Dard Sanam Se,
Khud Ke Liye Kabar Dhoondata Hu.

*****
[written by romil arora - copyright reserved]