सोचा सनम आखिरी सलाम तुझे कैसे भेजू,
घर का पता नहीं, यह गुलाब तुझे कैसे भेजू!
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बाहरों को मैं किसका पता बताऊँ,
खुशियों को मैं दरवाज़े किसके भेजू!
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रात भर तू रोशन रहे चिरागों से,
चाँद को घर तेरे मैं कैसे भेजू!
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अब हो रहा हूँ मैं इस दुनिया से अलविदा रोमिल,
तुझे अपनी मौत का पैगाम कैसे भेजू !
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सोचा सनम आखिरी सलाम तुझे कैसे भेजू,
घर का पता नहीं, यह गुलाब तुझे कैसे भेजू!
#रोमिल
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