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Sunday, March 18, 2018

दिलचस्प इज़हार-ए-मोहब्बत

कितना दिलचस्प इज़हार-ए-मोहब्बत अपना था... 
वह तो क़रीब न थे... 
इसलिए रब से कर देते थे... 

- रोमिल राज...

ज़ख्म देकर, मरहम लगाना जानते हो...

ज़ख्म देकर, मरहम लगाना जानते हो... 
तुम नेता बनने का हुनर जानते हो... 
__________

हम बेवफ़ा के लिए भी करें दुआ... 
तुम्हारे जैसे हुनरबाज़ नहीं है हम... 

- रोमिल राज

हम मोहब्बत-ए-इज़हार के लिए लफ्ज़ ही ढूंढते रहे....

हम मोहब्बत-ए-इज़हार के लिए लफ्ज़ ही ढूंढते रहे.... 
और 
वह दूसरे का हाथ थाम कर चले गए... 

- रोमिल राज 

Wednesday, April 27, 2011

चलो किसी रोज़ हमतुम मुकम्मल हो जाये


चलो किसी रोज़ हमतुम मुकम्मल हो जाये 
इश्क में ऐसे रोये की पाक हो जाये...

घडी दो घडी का साथ ही काफी है रोमिल 
जो उसकी नज़रों में हम उतर जाये...

बस एक बार उसके लफ़्ज़ों से मोहब्बत के शब्द सुन ले रोमिल 
फिर चाहे हम खुदा के घर चले जाये...

Friday, February 27, 2009

lafz..

"hum mohabbat-e-izhaar ke liye lafz hi dhundhate rahe Romil
aur woh dusare ka haath tham kar chale gaye..."
[written by romil arora-copyright reserved]