Monday, November 7, 2011

आदत

उसे जो झूठ बोलने की आदत पड़ गई हैं रोमिल,
कसूर मेरा था जो उसकी हर बात पर ऐतबार कर लेता था.

#रोमिल

Sunday, November 6, 2011

सच्चाई का मैं आइना था...

पत्थर का छोटा सा टुकड़ा भी मुझे तोड़ जाता था रोमिल
सच्चाई का मैं आइना था...

#रोमिल

Saturday, November 5, 2011

शुक्र

शुक्र खुदा का इतना हैं वोह आये नज़र तो सही
रोमिल, मेरे साथ नहीं, किसी और के साथ ही सही!

Wednesday, November 2, 2011

जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं

जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
हमको उनका ख़याल आता हैं
अपना दीवानापन याद आता हैं
उनका हुस्न याद आता हैं.
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
***
जलती हुई आग के सामने
जलते हुए दो बदन याद आते हैं...
कभी उनका नज़रें झुकाना याद हैं
कभी नज़रों से तीर चलाना याद आता हैं.
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
हमको उनका ख़याल आता हैं...
***
कहने को तो बहुत बातें थी
मगर लाबून का थर-थराना याद आता हैं
कभी उनका कुछ कहते-कहते रुक जाना याद आता हैं
कभी हमारा मिश्री की तरह बातें बोलना याद आता हैं...
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
हमको उनका ख़याल आता हैं...
***
हर लम्हा बहुत तड़फाता हैं
पल-पल याद दिलाता हैं
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
चहरे से जुल्फों को हटाना याद आता हैं
शर्म से पैरों को दामन में छुपाना याद आता हैं
मखमली हाथों में चूड़ियों का खन-खनाना याद आता हैं
वो उँगलियों से ज़मीन पर हरकतें करना याद आता हैं...
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
हमको उनका ख़याल आता हैं
अपना दीवानापन याद आता हैं
उनका हुस्न याद आता हैं.
रोमिल, जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं...

#रोमिल

Tuesday, November 1, 2011

एक टूटा हुआ पत्ता उड़कर मेरे पास आया

एक टूटा हुआ पत्ता उड़कर मेरे पास आया
मुझसे पूछा
किसकी खता से मेरा यह हाल हुआ हैं
हवा का कसूर हैं या
खिज़ा का...



अभी तो डाल पर ठीक से नहीं झूल सका
अभी तो कई पंछियों की आवाज़े मुझे सुननी बाकी थी
अभी तो मैंने नहीं देखे कई बसंत
किसकी खता से मेरा यह हाल हुआ हैं
हवा का कसूर हैं या
खिज़ा का...


मैं बोला 
नहीं पता मुझे किसका कसूर हैं
हवा का, खिज़ा का या
खुदा का
बस इतना जानता हूँ कि
कसूर किसी का तो हैं...

Monday, October 31, 2011

कितने

कितने हादसों की नुमाइश नहीं होती अखबारों में रोमिल,
कितने दिल टूट जाते है, बिना आंसू बहाए...

Sunday, October 30, 2011

ज़िन्दगी खवाब हो गई...

जाने क्या खता हो गई
ज़िन्दगी जुदा हो गई
टूटे कुछ इस तरह से अपने ख़वाब रोमिल
ज़िन्दगी ख़वाब हो गई...