Kaise bharega woh zakhm, jisme tumhari kami hai,
Kaise hogi aankhon mein khushi, jisme tumhari naami hai,
Dastaan-e-zindagi kab tak aise hi chalti rahegi,
Jisme na tu hai aur na tumhare paane ki koi umeed hai!
#Romil
कैसे भरेगा वो ज़ख्म, जिसमें तुम्हारी कमी है,
कैसे होगी आँखों में ख़ुशी, जिसमें तुम्हारी नमी है,
दास्तां-ए-ज़िन्दगी कब तक ऐसे ही चलती रहेगी,
जिसमें ना तू है और ना तुम्हारे पाने की कोई उम्मीद है !
#रोमिल
No comments:
Post a Comment