Sunday, February 15, 2009

yuhi safar-e-zindagi betate gaye...

rote gaye, muskurate gaye
yuhi safar-e-zindagi bitate gaye...
~**~
kisi musafir ne pucha tumhari shayari mein itna dard kyon hai
hum apni khata batate gaye tumhari bewafai chupate gaye...
rote gaye, muskurate gaye
yuhi safar-e-zindagi bitate gaye...
~**~
kisi musafir ne pucha tumko mohabbat par aitbaar kyon nahi
hum apni wasiyat batate gaye, apna intezaar chupate gaye...
rote gaye, muskurate gaye
yuhi safar-e-zindagi bitate gaye...
~**~
kisi musafir ne pucha tumko tanhaiya kyon pasand hai
hum apna akelapan batate gaye, tumhari mehfile chupate gaye
rote gaye, muskurate gaye
yuhi safar-e-zindagi bitate gaye...
~**~
#Romil

रोते गए, मुस्कुराते गए 
यूंही सफर-ए-जिंदगी बिताते गए... 

किसी मुसाफिर ने पूछा तुम्हारी शायरी में इतना दर्द क्यों है 
हम अपनी ख़ता बताते गए, तुम्हारी बेवफाई छुपाते गए... 
रोते गए, मुस्कुराते गए 
यूंही सफर-ए-जिंदगी बिताते गए... 

किसी मुसाफिर ने पूछा तुमको मोहब्बत पर एतबार क्यों नहीं 
हम अपनी वसीयत बताते गए, अपना इंतजार छुपाते गए...
रोते गए, मुस्कुराते गए 
यूंही सफर-ए-जिंदगी बिताते गए... 

किसी मुसाफिर ने पूछा तुमको तन्हाई क्यों पसंद है 
हम अपना अकेलापन बताते गए, तुम्हारी महफ़िलें छुपाते गए...
रोते गए, मुस्कुराते गए 
यूंही सफर-ए-जिंदगी बिताते गए...

#रोमिल

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