Saturday, April 25, 2009

tum aa jao...

Dost, tum aa jao
tumse haal-e-dil kehna chahta hu
kaun jaane
kab yeh aankhen band ho jaye
tum aa jao
tumse har ek baat kehna chahta hu
bahut ho liya main khud se rubaru
ab yeh khel main band karna chahta
tum aa jao
main tumse milana chahta hu
chupkar anjaan hokar sab kuch dekhati rehti ho tum
ab main yeh aankh-micholi band karna chahta hu
tum aa jao
main tumko dekhana chahta hu...
tum aa jao
Dost, tum bas aa jao...

#Romil

दोस्त, तुम आ जाओ 
तुमसे हाल-ए-दिल कहना चाहता हूं 
कौन जाने 
कब यह आंखें बंद हो जाए 
तुम आ जाओ 
तुमसे हर एक बात कहना चाहता हूं...  

बहुत हो लिया मैं खुद से रूबरू 
अब यह खेल मैं बंद करना चाहता हूं 
तुम आ जाओ 
मैं तुमसे मिलना चाहता हूं... 

छुपकर अंजान होकर सब कुछ देखती रहती हो तुम 
अब मैं यह आंख-मिचोली बंद करना चाहता हूं... 
तुम आ जाओ 
मैं तुमको देखना चाहता हूं... 
आ जाओ 
दोस्त, तुम बस आ जाओ...

#रोमिल

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