baaton-baaton mein apna gulam kar gaya
zalim, sar-e-aam qatal-e-aam kar gaya!
~*~
de gaya dard-e-gum baaton se
yaadon ka mehmaan kar gaya!
~*~
mehfil mein kahi bhi koi apna na raha
woh aisa begana kar gaya!
~*~
yeh kis mod par aa gaye hai
woh har rasta hi wapas laut jaane ke band kar gaya!
#Romil
बातों-बातों में अपना ग़ुलाम कर गया
ज़ालिम, सर-ए-आम, क़त्ल-ए-आम कर गया...
दे गया दर्द-ए-ग़म बातों से
यादों का मेहमान कर गया...
महफ़िल में कहीं भी कोई अपना ना रहा
वो ऐसा बेगाना कर गया...
यह किस मोड़ पर आ गये है
वो हर रास्ता ही वापस लौट जाने के बन्द कर गया...
#रोमिल
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