Friday, September 18, 2009

in dino...

jaag ke katati hai raat in dino
tumhari yaadon ka sahara hai in dino...
~*~
chandani aati nahi mere anjuman mein
charon tarah fela andhiyara hai in dino...
~*~
muskurana main bhool gaya hu jaise
berukhi ka chehara lagaye firta hu in dino...
~*~
chalo kaam aa gai judai tumhari
warna paagal hi samajhate log mujhe in dino...

#Romil

जाग के कटती है रात इन दिनों
तुम्हारी यादों का सहारा है इन दिनों... 

चांदनी आती नहीं मेरे अंजुमन में 
चारों तरफ फैला अंधियारा है इन दिनों...

मुस्कुराना मैं भूल गया हूं जैसे 
बेरुखी का चेहरा लगाया फिरता हूं इन दोनों... 

चलो काम आ गई जुदाई तुम्हारी 
वरना पागल ही समझते लोग मुझे इन दिनों...

#रोमिल

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