मुहब्बत के सफ़र में जाने किसको क्या मिले
किसी को खुदा मिले तो किसी को दिलरुबा मिले
यह कैसा इन्साफ है मोहब्बत में खुदा का, मेरे दोस्तों
किसी को वफ़ा मिले तो किसी को बेवफा मिले
किसी को खुदा मिले तो किसी को दिलरुबा मिले
बड़ा किया था इंतज़ार उसने तेरा रातों को जग-जग के
खुदा उसको इंतज़ार का कुछ तो सिला मिले
किसी को खुदा मिले तो किसी को दिलरुबा मिले
दिल की बस आरज़ू इतनी सी है
मेरे दिल की आरज़ू बस इतनी सी है
जिससे ज़ख्म मिले, उसी से दवा मिले
किसी को खुदा मिले तो किसी को दिलरुबा मिले
नाकामियों के बंधन से कभी तो हम अपनी दूर हो पाए रोमिल
खुदा कोइए तो बेशकीमती चीज़ हमको नसीब से मिले
किसी को खुदा मिले तो किसी को दिलरुबा मिले
#रोमिल
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬[भालू]▬▬▬▬▬
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