रात भर नींद नहीं आती है
जैसे आँखों पर उजाला रखा है!
*
वोह मुझे देखकर भी दो क़दम नहीं चला यारों
जैसे पैरों में ज़ंजीर बांध रखा है!
*
किससे कहूँ उनकी शिकायत मेरे दोस्तों
खुदा से बस इतनी सी दुआ मंगाते है हम रोमिल
जैसे आँखों पर उजाला रखा है!
*
वोह मुझे देखकर भी दो क़दम नहीं चला यारों
जैसे पैरों में ज़ंजीर बांध रखा है!
*
किससे कहूँ उनकी शिकायत मेरे दोस्तों
हर किसी को तो उन्होंने अपना हमदम बना रखा है!
*खुदा से बस इतनी सी दुआ मंगाते है हम रोमिल
वोह मेरा दिल रिहा कर दे
जो उन्होंने अपने पहलू में छुपा रखा है!
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