यह आसमान में इतने परिंदे क्यों हैं
लगता हैं फिर कोइए हरा-भरा पेड़ गिरा है...
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यह माँ क्यों दहाड़-दहाड़ कर रो रही हैं
लगता हैं फिर कोइए बच्चा भूख से मारा हैं...
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यह फिजा क्यों लाल हैं
लगता हैं फिर कोइए खेत सूख रहा हैं...
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न २६ जनवरी, न १५ अगस्त, न ०२ अक्टूबर है आज रोमिल
यह जगह-जगह देश भक्ति के गीत क्यों बज रहे है
लगता हैं फिर कोइए अनशन कर रहा हैं...
लगता हैं फिर कोइए हरा-भरा पेड़ गिरा है...
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यह माँ क्यों दहाड़-दहाड़ कर रो रही हैं
लगता हैं फिर कोइए बच्चा भूख से मारा हैं...
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यह फिजा क्यों लाल हैं
लगता हैं फिर कोइए खेत सूख रहा हैं...
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न २६ जनवरी, न १५ अगस्त, न ०२ अक्टूबर है आज रोमिल
यह जगह-जगह देश भक्ति के गीत क्यों बज रहे है
लगता हैं फिर कोइए अनशन कर रहा हैं...
#रोमिल अरोरा
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