वो हंस - हंस के खुद को सजा देता है
गम खुद के लिए रख लेता है
खुशियाँ अंजानो में बांट देता है...
उस जैसा शख्स कहाँ मिलेगा
जो हीरा है
फिर भी नकाबों में छुपा रहता है...
गम खुद के लिए रख लेता है
खुशियाँ अंजानो में बांट देता है...
उस जैसा शख्स कहाँ मिलेगा
जो हीरा है
फिर भी नकाबों में छुपा रहता है...
आने वाले हर मोड़ को छोड़ देता है
वो कामयाबी की मंजिल से दूर ही रहता है
इतना बेकरार है मिलने के लिए उससे
वो रास्ते दर रास्ते भटकता रहता है...
अजीब लगती है उसकी कहानी रोमिल
वो अनदेखों से प्यार किया करता है
वो मरे हुए लोगों से बातें किया करता है....वो कामयाबी की मंजिल से दूर ही रहता है
इतना बेकरार है मिलने के लिए उससे
वो रास्ते दर रास्ते भटकता रहता है...
अजीब लगती है उसकी कहानी रोमिल
वो अनदेखों से प्यार किया करता है
वो हंस - हंस के खुद को सजा देता है...
#रोमिल
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