Saturday, November 19, 2011

दर्द इतना बढ़ गया है कि अब क्या सुनाये

दर्द इतना बढ़ गया है कि अब क्या सुनाये,
आँखें हो गई है पत्थर, कितना इंतज़ार और हम कर पाए,
मर जाने दो, बस खुली रहेंगे आँखें हमारी,
तुम्हारे इंतज़ार में बोलो इससे ज्यादा और क्या कर जाये!
बोलो! बोलो ! बोलो रोमिल !

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