Wednesday, December 7, 2011

पल-पल उसे याद कर रहा हूँ

पल-पल उसे याद कर रहा हूँ
बस आज कल यही काम कर रहा हूँ...
*
ज़ंजीर बांध रखी हैं खुद मैंने अपने पैरों में
सफ़र-ए-इंतज़ार की थकान दूर करने का इंतज़ाम कर रहा हूँ...
*
उसे मोहब्बत के लिए शायद एक ज़िन्दगी कम थी
इसलिए हर जन्म उसके नाम कर रहा हूँ...
*
जो दीपक जलाकर रखा था उसके आने के इंतज़ार में
उसी दीपक को अपनी आंसू की बूंदों से भुझा रहा हूँ...
*
पल-पल उसे याद कर रहा हूँ
रोमिल बस आज कल यही काम कर रहा हूँ...

#रोमिल

2 comments:

pari said...

hello g.

h r u.

PYAR MUQADAR KA KHEL HAI,
PR HR KISI KE MUQADAR ME NAI HAI.

tk care

ROMIL ARORA said...

Sukriya ji.

Bade taraf kar bande ne khuda se yeh kahan...

"Mujhe Jannat Nahi,
Muqadar Wali Kitab De Do,
Main Apne Sanam Ka Muqadar Badalna Chahta Hoon"