Thursday, March 22, 2018

हम तो छुप-छुप कर तेरी बातें किया करते हैं...

हम तो छुप-छुप कर तेरी बातें किया करते हैं... 
न जाने कैसे महफ़िल में खबर हो जाती हैं... 
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हम तो छुप-छुप कर रो लिया करते हैं... 
न जाने कैसे ज़माने को खबर हो जाती है... 
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हम तो छुप-छुप कर उनको देखा करते हैं... 
न जाने कैसे दोस्तों को खबर हो जाती हैं...
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हम तो छुप-छुप कर लिखते हैं उनको खत... 
न जाने कैसे उनको ख़बर हो जाती हैं... 

- रोमिल राज

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