Hamare ilzaam pe ilzaam khatam ho jayenge...
Woh kahan bewafai karne se baaz aayenge...
aur
Na Milo to aacha rehta hai...
Dard, Dard hi rehta hai, Hara nahi hota hai...
Hamari rooh ko woh katra-katra karke katarte hai...
Na jaane itne saalon se kaun se janmo ke gunahon ka hisaab le rahe hai...
Ek Baar mein hi maar kyon nahi dete hai...
#Romil
हमारे इल्ज़ाम पर इल्ज़ाम खत्म हो जाएंगे...
वह कहां बेवफाई करने से बाज़ आएंगे...
और
ना मिलो तो अच्छा रहता है...
दर्द, दर्द ही रहता है हरा नहीं होता है...
हमारी रूह को वो कतरा-कतरा करके कतरते हैं...
ना जाने इतने सालों से कौन से जन्मों के गुनाहों का हिसाब ले रहे हैं...
एक बार में ही मार क्यों नहीं देते हैं...
#रोमिल
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