बादशाही में भी फ़कीरी होनी चाहिए,
उतनी ही अपनी दुनिया फहलाओ जितनी जरूरी होनी चाहिए।
कोई मुफ़लिस न रह जाये भूखा,
उतनी ही थाली सजाओ जितनी भूख होनी चाहिए।
जौ की रोटी की कद्र होनी चाहिए।
मांग कर देखो,
मुमकिन है खुदा अर्श भी दे दे,
बस शर्त इतनी है, अरदास रूहानी होनी चाहिए।
यह ज़िन्दगी तो बस कुछ ही दौर की है,
खुदा के घर, जन्नत की फ़िक्र करो, वहां हाज़री होनी चाहिए।
#रोमिल
No comments:
Post a Comment