हम औरतों की ज़िंदगी भी बड़ी अजीब होती है...
अम्मी-अब्बू के घर जब तक हो तो कहते है "शौहर के घर जाकर अपनी ख्वाईशें पूरी करना"।
और जब शौहर के घर आओ तो कहते है "अम्मी-अब्बू के घर से अपनी ख्वाईशें पूरी करके आनी चाहिए थी"।
इसलिए अब मैं किसी की रज़ा के चक्कर में नही पड़ती, रज़ा नहीं लेती सिर्फ़ अपनी ख्वाईशें पूरी करती हूँ।
#BestAnswers
#Romil
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