Thursday, October 22, 2020

पहले कभी इसके सिवा कुछ करने की इच्छा नहीं हुई न ही जरूरत महसूस हुई।

सुबह जब घर से निकलते थे, माँ का दीदार करके निकलते थे,
जब घर लौटते थे, तब माँ का दीदार होता था,
रात में सोने जाने से पहले माँ का दीदार करके सोते थे।

पहले कभी इसके सिवा कुछ करने की इच्छा नहीं हुई न ही जरूरत महसूस हुई।

अब तो मंदिर के चक्कर लगाने, पूजा-पाठ से ही फुर्सत नही मिलती।

#BestAnswers
#Romil

Wednesday, October 21, 2020

एक नया लिबास क्या ओढ़ लें, गुरूरियत इनके ज़िस्म से झलकने लगती है।

एक नया लिबास क्या ओढ़ लें, गुरूरियत इनके ज़िस्म से झलकने लगती है।

(नया सलवार-सूट क्या पहन लें, गुरूर दिखाने लगती है।)

नये-नए जो अमीर बने है।

जितना इनके पास हैं, उतना हम छोड़ आये है, दान-पुण्य: कर आये है।

#BestAnswers #Romil

उम्र के साथ-साथ हर शख्स बच्चन या मोदी नहीं बनता जाता है।

उम्र के साथ-साथ हर शख्स बच्चन या मोदी नहीं बनता जाता है।

#PunjabiKahavat

तात्पर्य:

उम्र के साथ-साथ कुछ ही ऐसे शख्स होते है जिनकी शख्सियत बढ़ती जाती है। जिनका क़द बढ़ता जाता हैं, जो नई ऊंचाइयों को छूते जाते है।

Tuesday, October 20, 2020

मैंने तो पूरी ईमानदारी के साथ सबकुछ निभाया...

मैंने तो पूरी ईमानदारी के साथ सबकुछ निभाया...
फिर चाहे मुहब्बत हो या फिर नफ़रत।

तुमसे तो कुछ भी न निभाया गया...
न मुहब्बत और न ही नफ़रत।

मुँह उठाकर ब्लॉग पर चली आती हो।

#BestAnswers
#Romil

मुश्किल सफ़र भी बड़ा आसान सा लगता हैं...

मुश्किल सफ़र भी बड़ा आसान सा लगता हैं,
कुछ और नहीं मेरी बेबे की अरदास का असर लगता है।

#PunjabiTruckSlogan

Monday, October 19, 2020

"बड़ा" वो सिर्फ एक मालिक "कुल मालिक" है।

"बड़ा" वो सिर्फ एक मालिक "कुल मालिक" है।

बाकि तो सब "दही बड़े" है।

#PunjabiKahavat

तात्पर्य: परमात्मा ही सबसे बड़ा है, जगतजननी ही सबसे बड़ी हैं, बाकी जो खुद को इन दुनिया का चौधरी कहते हैं, वो तो सिर्फ निमित्तमात्र है।

जिनके घर में दाने होते है, उनके बावले भी बड़े सियाने होते है।

जिनके घर में दाने होते है,
उनके बावले भी बड़े सियाने होते है।

#PunjabiKahavat