bahut vishwas tha mujhe mohabbat par apni
hum pani ki boond ke liye tarse sagar ke hote!
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manjhi ke bina bhi kinara pa jaati hai kastiyan
doobi hamari kasti, manjhi ke hote!
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pehle kya kar paya tha sanam ke saath hote
ab kya kar paunga akele hote!
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logon ko aksar dekha, apno ke liye rote, hum roye ta-umar apno ke hote!
#Romil
बहुत विश्वास था मुझे मुहब्बत पर अपनी
पर हम पानी की बूँद के लिए तरसे सागर के होते।
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माँझी के बिना भी किनारा पा जाती है कश्तियाँ
डूबी हमारी कश्ती, माँझी के होते।
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पहले क्या कर पाया था सनम के साथ होते
अब क्या कर पायूँगा अकेले होते।
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लोगों को अक्सर देखा, अपनों के लिए रोते
मगर हम रोमिल, रोये ता-उम्र अपनों के होत।
#रोमिल
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