Saturday, November 7, 2009

zindagi ko sukriya kahe...

zindagi ko sukriya kahe
ya fir ilzaam de...
aapki mohabbat ko bewafai kahe
ya fir salaam de...
~*~
zindagi se gila kare
ya fir mohabbat ka naam de...
aapse milwane ki saaza de
ya fir ehsaan de...
~*~
dil dharakta hai fir bhi
aapki yaadon ke sahare...
dil mein khanjar uttar de
ya fir phoolon ka haar de...
~*~
koi puche mohabbat mein
badnaseeb hai koi
usko aapka naam de
ya fir apna naam de...

#Romil

ज़िन्दगी को शुक्रिया कहें
या फ़िर इल्ज़ाम दे...
आपकी मुहब्बत को बेवफ़ाई कहें
या फिर सलाम दे...

ज़िन्दगी से गिला करें
या फिर मुहब्बत का नाम दें...
आपसे मिलवाने की सज़ा दे
या फिर एहसान दे...

दिल धड़कता है फिर भी
आपकी यादों के सहारे...
दिल में खंजर उतार दे
या फिर फूलों का हार दें...

कोई पूछे मुहब्बत में
बदनसीब है कोई
उसको आपका नाम दें
या फिर अपना नाम दें...

#रोमिल

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