tanha-tanha firte rehte hai
dard mein bhi muskurate rehte hai
ishq ka rog bhi aisa hota hai romil
jisse dhokha mile usi ko dua dete rehte hai...
***
kehne ko to sab pagal kaha karte hai
woh dil ki baaton mein hi khoye rehte hai
ishq ka rog bhi aisa hota hai romil
jisse milti hai thokar usi ko sahara diya karte hai...
***
puccho to haal
kehte hai sab qaram mehboob ka hai
muflisi ki haalat mein bhi ameer bane rehte hai
ishq ka rog bhi aisa hota hai romil
jisse milti hai berukhi usi ko apna khuda kehte rehte hai...
***
ho jaate hai ruksat zamane se
mehboob ko badnaam nahi hone dete hai
ishq ka rog bhi aisa hota hai romil
janaza uthne tak mehboob ka intezar kiya karte hai...
tanha-tanha firte rehte hai
dard mein bhi muskurate rehte hai
ishq ka rog bhi aisa hota hai romil
jisse dhokha mile usi ko dua dete rehte hai...
#Romil
तन्हा-तन्हा फिरते रहते हैं
दर्द में भी मुस्कुराते रहते हैं
इश्क का रोग भी ऐसा होता है रोमिल
जिससे धोखा मिले उसी को दुआ देते रहते हैं
कहने को तो सब पागल कहा करते हैं
वह दिल की बातों में ही खोए रहते हैं
इश्क का रोग भी ऐसा होता है रोमिल
जिससे मिलती है ठोकर उसी को सहारा दिया करते हैं
पूछो तो हाल
कहते हैं सब कर्म महबूब का है
मुफ़्लिजी मुफ़्लिजी की हालत में भी अमीर बने रहते हैं
इश्क का रोग भी ऐसा होता है रोमिल
जिसे मिलती है बेरुखी उसी को अपना खुदा कहते रहते हैं...
हो जाते हैं रुख़सत जमाने से
महबूब को बदनाम नहीं होने देते हैं
इश्क का रोग भी ऐसा होता है रोमिल
जनाजा उठने तक महबूब का इंतजार किया करते हैं
तन्हा-तन्हा फिरते रहते हैं
दर्द में भी मुस्कुराते रहते हैं
इश्क का रोग भी ऐसा होता है रोमिल
जिससे धोखा मिले उसी को दुआ देते रहते हैं
#रोमिल
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