Saturday, April 17, 2010

hamare shehar mein aisa mausam nahi tha...

hamare shehar mein aisa mausam nahi tha Romil
shayari to bahut thi...
magar aap jaisa koi shayar nahi tha...

हमारे शहर में ऐसा मौसम नहीं था रोमिल 
शायरी तो बहुत थी...
मगर आप जैसा कोई शायर नही था...
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sochata hu kisi bewafa se dil lagaunga Romil
suna hai
bewafa ki bewafa se jodi bahut banti hai...

सोचता हूं किसी बेवफा से दिल लगाऊंगा रोमिल 
सुना है 
बेवफा की बेवफा से जोड़ी बहुत बनती है...
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Woh sochati hogi Romil main uska intezar kyon karta hu...
Usko Salaam baar-baar kyon karta hu...
Bas isi khumaar mein
kabhi na kabhi to woh kuch mere yaar ke baare main batayegi...
kabhi na kabhi to woh mere gum ko samaj payegi...

वो सोचती होगी रोमिल मैं उसका इंतजार क्यों करता हूं... 
उसको सलाम बार-बार क्यों करता हूं... 
बस इसी खुमार में 
कभी ना कभी वो कुछ मेरे यार के बारे में बताएगी... 
कभी ना कभी तो वो मेरे ग़म को समझ पाएगी...
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Romil... aao tumhe ek kahani sunau...

ek ladki ki pyari baatein batau...

thi woh bilkul pari jaisi...
roye to lagti thi ek dum gudiya jaisi...

lukka-chupi khela karti thi woh...
kabhi aankhon mein to kabhi khawabon mein rehti thi woh...

galiyon ki bheed mein tanha thi woh...
rab se bahut saari baatein karti thi woh...

TABHI EK DIN EK LADKA AAYA...

Rab ka woh sandesha laya...

Usko samjhaya...
Kushiyon ko bula lo na...
Muskuraane chura lo na...
Kuch yaadein aur sapne, apne chura lo na...
Ruki si zindagi se,
Thaki si zindagi se,
Raftaarein chura lo na...

kuch lamhe chura lo na...
kuch lamhe chura lo na...
[LIMCA AD SONG]

रोमिल... आओ तुम्हें एक कहानी सुनाऊं...

एक लड़की की प्यारी बातें बताऊं... 

थी वो बिल्कुल परी जैसी... 
रोये तो लगती थी एकदम गुड़िया जैसी... 

लुका-छुपी खेला करती थी वो 
कभी आंखों में तो कभी ख्वाबों में रहती थी वो... 

गलियों की भीड़ में तन्हा थी वो 
रब से बहुत सारी बातें करती थी वो... 

तभी एक दिन एक लड़का आया... 

रब का वो संदेशा लाया... 

उसको समझाया... 
खुशियों को बुला लो ना... 
मुस्कुराने चुरा लो ना... 
कुछ यादें और सपने, अपने चुरा लो ना... 
रुकी सी जिंदगी से... 
थकी सी जिंदगी से... 

कुछ लम्हे चुरा लो ना... 
कुछ लम्हे चुरा लो ना...
(लिम्का एड सॉन्ग)
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Agar woh thoda sa muskura de Romil
Hum Khuda Haafiz keh de Romil...

अगर वो थोड़ा सा मुस्कुरा दे रोमिल 
हम ख़ुदा हाफिज कह दे रोमिल...
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05:00 bajne ko hai dadi amma
jao thoda sa aaram kar lo...
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thoda sa rab ko yaad kar lo...
thoda chai-nasta kar lo...
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shaam ko aise dil nahi dukhaya jaata
sirf muskurakar shaam ka swagat kiya jaata...
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thoda sa sair-sapata kar lo...
fir uske baad thoda sa padai kar lo...
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5:00 बजने को है दादी अम्मा 
जाओ थोड़ा सा आराम कर लो... 

थोड़ा सा रब को याद कर लो... 
थोड़ा चाय-नाश्ता कर लो... 

शाम को ऐसे दिल नहीं दुखाया जाता 
सिर्फ मुस्कुराकर शाम का स्वागत किया जाता... 

थोड़ा सा सैर-सपाटा कर लो 
फिर उसके बाद थोड़ा सा पढ़ाई कर लो...
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Maine yeh kab kahan tha use chodkar mere saath chal Romil
Lekin bewafa ho jaana... yeh faisala uska tha...

मैंने यह कब कहा था उसे छोड़कर मेरे साथ चल रोमिल 
लेकिन बेवफा हो जाना... यह फैसला उसका था...
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aaine ke saamne khade jab ho Romil
yeh baat aksar samaj nahi aati
ki hum aaine par hans rahe hai
ya fir aaina hum par hans raha hai...

आईने के सामने खड़े जब भी हो रोमिल 
यह बात अक्सर समझ नहीं आती 
की हम आईने पर हंस रहे है 
या फिर आईना हम पर हंस रहा हैं...

#Romil
#रोमिल

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