हम उनसे मिले मगर कुछ कह नहीं पाए
आँखों में आंसू भरे थे मगर रो नहीं पाए...
लोग पूछते रहे मेरी बर्बाद-ए-ज़िन्दगी की वजह
हम चुप रहे
मगर किसी से कुछ कह न पाए...
मैं सोचता था वो मेरे हर गम में देगी साथ मेरा रोमिल
मगर वोह मेरी ख़ुशी में भी साथ दे न पाए...
कोरा कागज़ लिफाफे में रख कर उनको भेज दिया
मगर मेरी ज़िन्दगी का राज को समझ न पाए...
हम उनसे मिले मगर कुछ कह नहीं पाए...
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