Thursday, April 28, 2011

हम उनसे मिले मगर कुछ कह नहीं पाए...

हम उनसे मिले मगर कुछ कह नहीं पाए
आँखों में आंसू भरे थे मगर रो नहीं पाए...

लोग पूछते रहे मेरी बर्बाद-ए-ज़िन्दगी की वजह
हम चुप रहे 
मगर किसी से कुछ कह न पाए...

मैं सोचता था वो मेरे हर गम में देगी साथ मेरा रोमिल   
मगर वोह मेरी ख़ुशी में भी साथ दे न पाए...

कोरा कागज़ लिफाफे में रख कर उनको भेज दिया
मगर मेरी ज़िन्दगी का राज को समझ न पाए...

हम उनसे मिले मगर कुछ कह नहीं पाए...

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