Friday, May 6, 2011

अनजाना चेहरा...

अनजाना चेहरा

एक चेहरा हमेशा मेरी आँखों के सामने परछाई बना रहता है,
उस हसीं चेहरे पर मैं अपना नाम लिखना चाहता हूँ...

निगाहें उसकी,
ख़ामोशी में भी बातें किया करती है,
वोह हसीं चेहरा हमेशा ग़ज़ल कहता है...

शोख़ लम्हों को भी, दिल में उतार लेता है,
वोह हसीं चेहरा बारिश में धुंधला-धुंधला दिखता है...

फूल भी उसके सामने कुछ न होगा,
वोह हसीं चेहरा तो खुद गुलाब कहलाता है...

बहुत दूर है मुझसे, कभी रोशनी में मुझे दिखता नहीं रोमिल,
वोह अनजाना चेहरा मगर मेरे मन के  दर्पण में रहता है...

#रोमिल

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