अंधेरों में उजाले ढूढता है
बड़ा नसमझ है गुज़रे ज़माने ढूंढता है
ग़मों की गलियों में रहता है
बड़ा नसमझ है ख़ुशी के खजाने ढूंढता है
मुक़द्दर ही रहा है जिसका कसूरवार
बड़ा नसमझ है हाथों में तकदीर की लकीर ढूंढता है
भला इस ज़माने में कौन किसका होता है रोमिल
बड़ा नसमझ है अजनबियों में रिश्ते ढूंढता है...
#रोमिल
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