कैसे-कैसे हादसे सह जाते हैं लोग
दिल पर ज़ख्म खाते हैं
फिर भी मुस्कुराते हैं लोग...
***
वक़्त का क्या हैं आकर बीत जाता हैं
यादों में फिर भी दुनिया बसा लेते हैं लोग...
***
जिस चिराग को तूफानों से बचाते हैं
उसी चिराग से अक्सर हाथ जलवा लेते हैं लोग...
***
अपनी दुनिया डूब जाने का डर नहीं हैं
समुन्दर के किनारे रेत के मकान बनाते हैं लोग...
***
मंजिल पर पहुँच कर उसके जाने की उम्मीद नहीं थी मुझको रोमिल
जाने दो...
रास्ते में भी साथ छोड़ जाते हैं लोग...
दिल पर ज़ख्म खाते हैं
फिर भी मुस्कुराते हैं लोग...
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वक़्त का क्या हैं आकर बीत जाता हैं
यादों में फिर भी दुनिया बसा लेते हैं लोग...
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जिस चिराग को तूफानों से बचाते हैं
उसी चिराग से अक्सर हाथ जलवा लेते हैं लोग...
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अपनी दुनिया डूब जाने का डर नहीं हैं
समुन्दर के किनारे रेत के मकान बनाते हैं लोग...
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मंजिल पर पहुँच कर उसके जाने की उम्मीद नहीं थी मुझको रोमिल
जाने दो...
रास्ते में भी साथ छोड़ जाते हैं लोग...
#रोमिल
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