Friday, December 9, 2011

तस्वीरें अच्छी नहीं लगती हैं मुझे

तस्वीरें अच्छी नहीं लगती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
***
जब भी देखता हूँ उसको तस्वीर में
यादें दे जाती हैं मुझे...
***
मेरे लिए तो उसका नाम ही काफी हैं
बीते लम्हों की मुलाक़ात-ए-आलम ही काफी हैं
नहीं रखना मुझे वास्ता किसी तस्वीर से
हकीक़त से दूर ले जाती हैं मुझे...
***
कदम-कदम पर रिश्ते बदलते देखे हैं मैंने
सावन के मौसम, पतझड़ में बदलते देखे हैं मैंने
यह वापस उसी भूलभुलैया में ले जाती हैं मुझे...
***
बन गया कातिल मेरे लिए अपनी नज़रों का दांव
एक तरफ तस्वीर-ए-आम
एक तरफ उसका नाम
रह-रह कर उसकी झूठी मुस्कान याद आती हैं मुझे
तस्वीरें अच्छी नहीं लगाती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...

#रोमिल

4 comments:

pari said...

samjho na khush itna,labon ke muskurahat se,
ankho me pehle hazaron hadse dekho

pari said...

kaash..

MERI ZNDGI KE RAAZ ME IK RAAZ TUM BHI HO..
MERI BANDAGI KE PYAS ME IK PYAS TUM BHI HO..
TUM KYA HO..KUCH TO HO..YA KUCH NAHI HO ..
MAGAR!!!
MERI ZINDAGI KE KAASH ME IK KAASH TUM B HO..

pari said...

kaash..

MERI ZNDGI KE RAAZ ME IK RAAZ TUM BHI HO..
MERI BANDAGI KE PYAS ME IK PYAS TUM BHI HO..
TUM KYA HO..KUCH TO HO..YA KUCH NAHI HO ..
MAGAR!!!
MERI ZINDAGI KE KAASH ME IK KAASH TUM B HO..

pari said...

mohabbat..


MHBT tujhse BURA koi nai.
har BHALE ka BURA kiya tune