तस्वीरें अच्छी नहीं लगती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
***
जब भी देखता हूँ उसको तस्वीर में
यादें दे जाती हैं मुझे...
***
मेरे लिए तो उसका नाम ही काफी हैं
बीते लम्हों की मुलाक़ात-ए-आलम ही काफी हैं
नहीं रखना मुझे वास्ता किसी तस्वीर से
हकीक़त से दूर ले जाती हैं मुझे...
***
कदम-कदम पर रिश्ते बदलते देखे हैं मैंने
सावन के मौसम, पतझड़ में बदलते देखे हैं मैंने
यह वापस उसी भूलभुलैया में ले जाती हैं मुझे...
***
बन गया कातिल मेरे लिए अपनी नज़रों का दांव
एक तरफ तस्वीर-ए-आम
एक तरफ उसका नाम
रह-रह कर उसकी झूठी मुस्कान याद आती हैं मुझे
तस्वीरें अच्छी नहीं लगाती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
***
जब भी देखता हूँ उसको तस्वीर में
यादें दे जाती हैं मुझे...
***
मेरे लिए तो उसका नाम ही काफी हैं
बीते लम्हों की मुलाक़ात-ए-आलम ही काफी हैं
नहीं रखना मुझे वास्ता किसी तस्वीर से
हकीक़त से दूर ले जाती हैं मुझे...
***
कदम-कदम पर रिश्ते बदलते देखे हैं मैंने
सावन के मौसम, पतझड़ में बदलते देखे हैं मैंने
यह वापस उसी भूलभुलैया में ले जाती हैं मुझे...
***
बन गया कातिल मेरे लिए अपनी नज़रों का दांव
एक तरफ तस्वीर-ए-आम
एक तरफ उसका नाम
रह-रह कर उसकी झूठी मुस्कान याद आती हैं मुझे
तस्वीरें अच्छी नहीं लगाती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
#रोमिल
7 comments:
samjho na khush itna,labon ke muskurahat se,
ankho me pehle hazaron hadse dekho
okkk... pari...
"hum bhi unko apne hadson se sabak sikha sakte the romil
kaash unhone humse kam duniya-aye-jahan dekha hota..."
kaash..
MERI ZNDGI KE RAAZ ME IK RAAZ TUM BHI HO..
MERI BANDAGI KE PYAS ME IK PYAS TUM BHI HO..
TUM KYA HO..KUCH TO HO..YA KUCH NAHI HO ..
MAGAR!!!
MERI ZINDAGI KE KAASH ME IK KAASH TUM B HO..
kaash..
MERI ZNDGI KE RAAZ ME IK RAAZ TUM BHI HO..
MERI BANDAGI KE PYAS ME IK PYAS TUM BHI HO..
TUM KYA HO..KUCH TO HO..YA KUCH NAHI HO ..
MAGAR!!!
MERI ZINDAGI KE KAASH ME IK KAASH TUM B HO..
hmmm... nice pari ji...
"ek raaz chalo unka hum unko bata dete hai
mohabbat ki baatein to woh bahut sheekh gaye
magar nibhana woh na sheekh sake..."
mohabbat..
MHBT tujhse BURA koi nai.
har BHALE ka BURA kiya tune
yaa okay... pari ji...
"mohabbat bhi badi ajeeb cheez hoti hai,
bure insaan ko bhi sharafat sheekha deti hai,
romil, deti hai is qadar hausala dil-e-nadaan ko
marr ke bhi dushmano ke charcho mein rehti hai..."
:-)
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