Tuesday, December 20, 2011

फिर भी अच्छा लगता हैं...

क्या-क्या तुमको हम सुनिए
हर एक टूटा सपना लगता हैं
प्यार में धोखा खाए हैं
फिर भी अच्छा लगता हैं...
~*~
खुद से उसकी बातें करना
पागलपन सा लगता हैं
उसकी यादों में आंसू बहाना
फिर भी अच्छा लगता हैं...
~*~
पानी में उसकी तस्वीर देखना
चाँद सा लगता हैं
उसका नाम रेत पर लिखकर मिटाना
फिर भी अच्छा लगता हैं...
~*~
डूबे हैं उसकी आँखों में रोमिल
फिर न उभरे हैं
सागर में कागज़ की कश्ती चलाना
फिर भी अच्छा लगता हैं...

No comments: