Monday, September 26, 2011

यही जो लोग रोमिल तुझे अपने ख़ास लगते हैं

यही जो लोग रोमिल तुझे अपने ख़ास लगते हैं
यही तो मुझको बदनाम करते हैं...
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जो तुम्हारी नज़रों में नेकी-ए-खुदा बनते हैं
यही तो मासूमो को बुरा बनाया करते हैं...
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शराफत का पहन रखा हैं जिन्होंने चोला
यही तो मुझसे बुरी बात किया करते हैं...
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इत्तेफाक की बात हैं या उनकी साज़िश
जब भी हम गुनेहगार होते हैं
हाथों के निशान इनके ही मिला करते हैं...

#रोमिल

Saturday, September 24, 2011

गम मेरे आस -पास ही रहता है

ख़ुशी की खबर मुझे चुपके - चुपके सुनाया करो रोमिल,
ग़म मेरे आस -पास ही रहता है,
कहीं भागा न चला आये!

#रोमिल

Friday, September 23, 2011

जुबान से उसको क्या सुनाये हाल-ए-दिल

जुबान से उसको क्या सुनाये हाल-ए-दिल रोमिल
सुना है मोहब्बत वाले नज़रों से हाल-ए-दिल पढ़ लेते है...

#रोमिल अरोरा

Thursday, September 22, 2011

फिर दीवानेपन की हसरत जाग रही हैं

फिर दीवानेपन की हसरत जाग रही हैं
सच पूछो तो मोहब्बत जाग रही हैं...
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हसीनो का तो काम होता हैं जलाना
सच पूछो तो परवाने की जलने की तमन्ना जाग रही हैं...
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ऐसा कहाँ कोइए मिला जो दर्द न दे
सच पूछो तो दर्द को फिर अपनाने की आरज़ू जाग रही हैं...
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चाहत तो कहती हैं कि सब कुछ लूटा दूं रोमिल 
बरसों से जो खामोश थी ख़ामोशी जाग रही हैं...

फिर दीवानेपन की हसरत जाग रही हैं
सच पूछो तो मोहब्बत जाग रही हैं...

#रोमिल राज

Wednesday, September 21, 2011

मेरी ज़िन्दगी को मजबूरियों का घर मत कहो

मेरी ज़िन्दगी को मजबूरियों का घर मत कहो
यह ज़िन्दगी है मेरी, इसे सजा मत कहो.
~
छोड़ जाते है सब मेरा साथ, मेरी मजबूरियों की वजह से
तुमको खुदा की कसम है किसी को भी बेवफा मत कहो.
~
हूँ अपनों की नज़र में निकम्मा-नाकारा
तुम मेरे अपनों को गलत मत कहो.
~
जो हँसना है मुझपर हंस लो
जो कहना है मेरे सामने कह लो
मेरे पीछे मुझे बुरा मत कहो.
मुझ पर हंसा मत करो रोमिल...
मुझ पर हंसा मत करो रोमिल...

#रोमिल अरोरा

Tuesday, September 20, 2011

मेरे आंसूं को थोडा थम जाने दो!

अभी बहुत बरसात हो रही है तुम कहाँ जायोगी,
भीग जायोगी,
मेरे आंसूं को थोडा थम जाने दो!

Monday, September 19, 2011

roz hum khud se takrar karte hai

roz hum khud se takrar karte hai
kyun hum us bewafa se itna pyar karte hai

Itne zakhm diye tune aye khuda
aakar hum tere dar par kyon ibadat baar-baar karte hai

mujhe maloom hai iska anjaam kya hoga
lootne ke liye hum fir mohabbat ka aagaz karte hai

na mujhe dekh apnepan ki nazaron se
jo apne hote hai wahi qatal-e-aam karte hai

aur 

yeh keh kar maine usse tauba kar li romil
kya daulat wale kabhi garibon se pyar karte hai...

#Romil

रोज हम खुद से तकरार करते हैं 
क्यों हम उस बेवफा से इतना प्यार करते हैं... 

इतने जख्म दिए तूने ए खुदा 
आकर हम तेरे दर पर क्यों इबादत बार-बार करते हैं... 

मुझे मालूम है इसका अंजाम क्या होगा 
लूटने के लिए हम फिर मोहब्बत का आगाज़ करते हैं... 

ना मुझे देख अकेलेपन की नजरों से 
जो अपने होते हैं वहीं क़त्ल-ए-आम करते हैं 

और 

यह कहकर मैंने उससे तौबा कर ली रोमिल 
क्या दौलत वाले कभी गरीबों से प्यार करते हैं... 

#रोमिल