Wednesday, October 5, 2011

ख़ाक-ए-इज्ज़त

महफ़िल में जाकर अपनी बेइज्जती करवाए कौन
अपने काफी है ख़ाक-ए-इज्ज़त मिलाने को.

#रोमिल

Tuesday, October 4, 2011

कभी तुमको न मैं सताऊंगा

कभी तुमको न मैं सताऊंगा
मोहब्बत-ए-दर्द तुमको न बताऊंगा,
वादा है मेरा, दूर इतना मैं चला जाऊँगा,
चाहे जितना भी तुम पुकारो,
वापस नहीं आऊँगा!

#रोमिल


Monday, October 3, 2011

लगता हैं मोहब्बत करती हो...

गुमसुम चुपचाप रहती हो
उलझी-उलझी ख्यालों में खोई रहती हो
किसका इंतज़ार करती रहती हो
लगता हैं मोहब्बत करती हो...
~*~
हर एक दुनिया वाला यह सवाल करता हैं
किसके लिए तू माँग भरती हो
किसके लिए सजती-सवरती हो
लगता हैं मोहब्बत करती हो...
~*~
दुआ किसके लिए मांगती हो
खुदा से किसके लिए लड़ाई करती हो
कौन हैं वोह जो आँखें नर्म कर जाता हैं
लगता हैं मोहब्बत करती हो...
रोमिल, लगता हैं मोहब्बत करती हैं...

#रोमिल

Friday, September 30, 2011

खुदा शायद मुझसे नाराज़ सा है...

उससे बात नहीं होती तो ऐसा महसूस होता है रोमिल 
खुदा शायद मुझसे नाराज़ सा है...

रोमिल बार-बार यह सोच कर डाकिए से मिलता हूँ
कहीं उसका पैगाम आया तो नहीं है...
यह सोच कर रात में घर के बाहर दिया जला देता हूँ
कहीं वोह मेरे घर के बाहर से निकला तो नहीं है...

Thursday, September 29, 2011

बस जिंदा रहने के पैमाने बदल जाते हैं.

वक़्त के साथ हमराज़ बदल जाते हैं
हर एहसास बदल जाते हैं
किसी के बिछड़ने से कोइए मर नहीं जाता
बस जिंदा रहने के पैमाने बदल जाते हैं.

Wednesday, September 28, 2011

यहाँ जो डूब जाता हैं फिर उभरता नहीं...

क्यों अपनी डूबी हुई ज़िन्दगी का किनारा तलाशते हो रोमिल
यह मोहब्बत-ए-सागर हैं, यहाँ जो डूब जाता हैं फिर उभरता नहीं...

#रोमिल

Tuesday, September 27, 2011

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी तो सारी कटी दुखों में रोमिल,
आखिरी वक़्त क्या ज़िन्दगी-ए-हालात पर रंज करे!

#रोमिल