Wednesday, October 12, 2011

साहिल के किनारे एक शख्स

साहिल के किनारे एक शख्स
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा...

जब मोहब्बत का ज़िक्र उसके सामने छिड़ा होगा
तो सागर में भी एक तूफ़ान उठा होगा...
लिख कर ख़त सागर में डाल रहा होगा
रेत पर किसी का नाम लिख रहा होगा...

साहिल के किनारे एक शख्स 
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा..
***
जब नज़रों की तरफ उसके देखोगे
तो सदियों का इंतज़ार जैसे छिपा होगा
सब तो चले जाते होंगे साहिल को तन्हा छोड़ कर
वोह ज़मीन पर चाँद के उतरने का इंतज़ार करता होगा...
साहिल के किनारे एक शख्स
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा रोमिल...

Tuesday, October 11, 2011

हाथ उठा कर यह दुआ किया करो

हाथ उठा कर यह दुआ किया करो रोमिल
न कोइए जुदा हो
न कोइए उदासियों में जिए
न कोइए किसी के लिए तरपे
न कोइए परेशां हो.

Monday, October 10, 2011

कोइए गम नहीं

मैं जला तो कोइए गम नहीं रोमिल...
कम से कम औरों को तो रोशनी मिल गई...

Sunday, October 9, 2011

हमारी जान है वोह...

मोहब्बत में नादान है वोह,
फिर भी हमारी जान है वोह,
पल भर में आँखों से आंसू बहा देती है वोह,
हर बात को दिल से लगा लेती है वोह,
हमेशा रब, रूह की बातें करती है वोह,
भोली है, 

मासूम है, 
दुनिया से अंजान है वोह,
तभी तो रोमिल हमारी जान है वोह!


#रोमिल अरोरा

Saturday, October 8, 2011

कुछ नहीं रहता इज्ज़त, स्वाभिमान चले जाने के बाद...

ना दो किसी को अपनी ज़िन्दगी के साथ खेलने का हक़ रोमिल
कि कुछ नहीं रहता इज्ज़त, स्वाभिमान चले जाने के बाद...

#रोमिल

Friday, October 7, 2011

सुबह यादों में बीत जाती हैं

सुबह यादों में बीत जाती हैं
रात इंतज़ार में बीत जाती हैं...
***
काफिले-काफिले बदलते रहते हैं 
ज़िन्दगी सफ़र में बीत जाती हैं...
***
वोह वादा करके मिलाने न आये तो 
फ़िक्र उसकी मुझे खा जाती हैं...
***
कैसे भूल जायुं उसकी मुस्कान रोमिल
वोह ही तो सांसें चलाना सीखती हैं...

Thursday, October 6, 2011

समझ

जब समझ नहीं थी सनम को हमारी शायरी के अल्फाज़ो की,
तब खूब तालियाँ बजाया करते थे,
जब से समझने लगे है हमारी शायरी के अल्फाज़ो को रोमिल,
तब से आंसू बहाया करते हैं...

#रोमिल