साहिल के किनारे एक शख्स
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा...
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा...
जब मोहब्बत का ज़िक्र उसके सामने छिड़ा होगा
तो सागर में भी एक तूफ़ान उठा होगा...
लिख कर ख़त सागर में डाल रहा होगा
रेत पर किसी का नाम लिख रहा होगा...
लिख कर ख़त सागर में डाल रहा होगा
रेत पर किसी का नाम लिख रहा होगा...
साहिल के किनारे एक शख्स
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा..
***
जब नज़रों की तरफ उसके देखोगे
तो सदियों का इंतज़ार जैसे छिपा होगा
सब तो चले जाते होंगे साहिल को तन्हा छोड़ कर
वोह ज़मीन पर चाँद के उतरने का इंतज़ार करता होगा...
***
जब नज़रों की तरफ उसके देखोगे
तो सदियों का इंतज़ार जैसे छिपा होगा
सब तो चले जाते होंगे साहिल को तन्हा छोड़ कर
वोह ज़मीन पर चाँद के उतरने का इंतज़ार करता होगा...
साहिल के किनारे एक शख्स
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा रोमिल...
खोया-खोया सा तुमको मिला होगा रोमिल...