Tuesday, August 30, 2011

मुझसे क्या पूछते हो कि क्या लिखे

मुझसे क्या पूछते हो कि क्या लिखे
किसी बेवफा के नाम वफ़ा लिखे...
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फिर न हो कि कोई आशिक़, इश्क़ में मरे
कलम उठा के दुआ लिखे....
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हो जाये न रात किसी की सुबह
इंतज़ार न करे कोई, यह फरियाद लिखें...
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दे जाते हैं अपने धोखा इस दुनिया में रोमिल 
अंजानो पर विश्वास न करे यह सलाह लिखे...

#रोमिल

Monday, August 29, 2011

रात को तुम अपनी सहर समझाना

यह कह कर मेरे दर से लौट गया सूरज रोमिल
कि अब रात को तुम अपनी सहर समझाना!

Sunday, August 28, 2011

इश्क के बंधन

यह कैसे इश्क के बंधन में बंधे हो रोमिल 
खुदा का नाम लो तो उसका नाम निकलता है.

Saturday, August 27, 2011

लगता हैं फिर कोइए अनशन कर रहा हैं...

यह आसमान में इतने परिंदे क्यों हैं
लगता हैं फिर कोइए हरा-भरा पेड़ गिरा है...
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यह माँ क्यों दहाड़-दहाड़ कर रो रही हैं
लगता हैं फिर कोइए बच्चा भूख से मारा हैं...
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यह फिजा क्यों लाल हैं
लगता हैं फिर कोइए खेत सूख रहा हैं...
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न २६ जनवरी, न १५ अगस्त, न ०२ अक्टूबर है आज रोमिल
यह जगह-जगह देश भक्ति के गीत क्यों बज रहे है
लगता हैं फिर कोइए अनशन कर रहा हैं...

#रोमिल अरोरा

Friday, August 26, 2011

किसकी मजाल थी...

किसकी मजाल थी हमारा मज़ाक बनाये रोमिल 
यह तो हम खुद थे जो मज़ाक पर मजाक बनते गए...


#रोमिल राज

Thursday, August 25, 2011

छोटी सी बात हैं

छोटी सी बात हैं मगर बादलों को कौन समझाये रोमिल
चाँद को खिलौना बताकर मेरी माँ मुझे सुलाती हैं...

#रोमिल

Wednesday, August 24, 2011

या तो हम ना-समझ है या फिर तू जादूगर है!

ना चाहते हुए भी क़दम, तेरे दर पर आ जाते है रोमिल,
या तो हम ना-समझ है या फिर तू जादूगर है!