Sunday, March 18, 2018

दिलचस्प इज़हार-ए-मोहब्बत

कितना दिलचस्प इज़हार-ए-मोहब्बत अपना था... 
वह तो क़रीब न थे... 
इसलिए रब से कर देते थे... 

- रोमिल राज...

ज़ख्म देकर, मरहम लगाना जानते हो...

ज़ख्म देकर, मरहम लगाना जानते हो... 
तुम नेता बनने का हुनर जानते हो... 
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हम बेवफ़ा के लिए भी करें दुआ... 
तुम्हारे जैसे हुनरबाज़ नहीं है हम... 

- रोमिल राज

हम मोहब्बत-ए-इज़हार के लिए लफ्ज़ ही ढूंढते रहे....

हम मोहब्बत-ए-इज़हार के लिए लफ्ज़ ही ढूंढते रहे.... 
और 
वह दूसरे का हाथ थाम कर चले गए... 

- रोमिल राज 

Friday, March 16, 2018

जान देने के और भी तरीक़े थे...

जान देने के और भी तरीक़े थे रोमिल... 
क्या ज़रूरत थी दिल लगाने की... 

- रोमिल राज... 

जो पाओं ज़रा रख दे फूलों पर तो छाले आ जाते है...

उसका ज़िक्र होते ही आँखों में आंसू आ जाते है... 
शाम ढलते ही चेहरे पे दुखों के बादल छा जाते है... 

इतना पत्थर होगा उस बेवफा का दिल सोचा न था... 
जो पाओं ज़रा रख दे फूलों पर तो छाले आ जाते है... 

- रोमिल राज

रब के फरिश्तों जैसी...

नाज़... है मेरी बहारों जैसी... 
आसमान में चाँद जैसे... 
फूलों में गुलाब जैसे... 
बहुत दोस्त नहीं है मेरे... 
सिर्फ नाज़... है रब के फरिश्तों जैसी... 

#रोमिल अरोरा

फरिश्तों का काम होता है...

दूसरों को ख़ुशी देना... 
फरिश्तों का काम होता है... 

अपने दुःख की परवाह न करते हुए, दूसरों को सुख देना...
फरिश्तों का काम होता है... 

अपने जीवन के परवाह किये बिना, दूसरों को जीवन देना... 
फरिश्तों का काम होता है... 

रब की बंदगी करना... 
उसके सजदे में सदा रहना... 
रब पर भरोसा रखना... 
फरिश्तों का काम होता है... 

हमेशा ईमानदार रहना... 
सदा सच बोलना... 
सदा सबका भला सोचना... भला करना... 
सबसे अच्छाई का व्यवहार करना... 
फरिश्तों का काम होता है... 

मेरी नाज़ भी ऐसी ही हैं... 

#रोमिल अरोरा