यह रिश्ते...
इंसान की जगह पत्थर है यह रिश्ते,
हैं अपने फिर भी कितने मतलबी है यह रिश्ते...
दौलत की मंदी में बिक जाते है यह रिश्ते,
बनकर अपने, धोखा दे जाते है यह रिश्ते...
सिर्फ किताबो में फूल बन कर रह जाते है यह रिश्ते,
वक़्त आने पर साथ छोड़ जाते है यह रिश्ते...
यादों में तन्हाई बनकर याद आते है यह रिश्ते,
बनाकर अपना, दगा दे जाते है यह रिश्ते...
ना इनको समझाना कभी अपना तुम रोमिल,
मौसम की तरह बदल जाते है यह रिश्ते...
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