Tuesday, July 5, 2011

रोको न मुझको तो आज उड़ते जाना हैं...

▬▬हुकू▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
खवाबों को आँखों में सजाना हैं
रोको न मुझको तो आज उड़ते जाना हैं...
*
ठंडी हल्की-हल्की बर्फ पर यह जो पाओं के निशान पड़े
गिरती-गिरती ओस पर यह जो उँगलियों के निशान बने
उनको बस ऐसे ही बनने दो
रोको न मुझको तो आज उड़ते जाना हैं...
*
चाँद की धरती हैं
सितारों का आसमान हैं
इस पर मुझको झूला झुलने दो
रोको न मुझको तो आज उड़ते जाना हैं...
*
दिल की पतंग हैं कई रंग भरी
उसमे हैं खवाबों की उमंग भरी
धीरे-धीरे ढील छोड़ते जाना हैं
रोको न मुझको तो आज उड़ते जाना हैं...
रोमिल, रोको न मुझको तो आज उड़ते जाना हैं...
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬[भालू]▬▬

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