Wednesday, November 30, 2011

जैसे फूल, काँटों से लिपटे-लिपटे रहते है...

वोह जिद पर अड़े-अड़े रहते है
जैसे फूल, काँटों से लिपटे-लिपटे रहते है...
*
अनबन में हम-दोनों इस तरह उलझे है
वो दूर भी रहते हैं, करीब भी रहते है...
*
हर एक बात पर जो मेरा ज़िक्र किया करते थे
वो आजकल मेरा नाम लेने से भी परहेज किया करते है...
*
उलझन है बस इस बात की दिल में रोमिल
वो देकर दर्द मुझे
क्यों इतना तन्हाई में रोते है...

#रोमिल

Tuesday, November 29, 2011

सजदा

रोमिल कुछ इस तरह तुमको याद मैं कर लेता हूँ
तेरा नाम लिखकर सजदा मैं कर लेता हूँ...

Thursday, November 24, 2011

क्या करू...

यह साल भी बीता बिना बरसात के
मैं आंसू न बहाऊ तो क्या करू...
*!*
इंतज़ार में कटती नहीं रातें
मैं शमा न जलाऊ तो क्या करू...
*!*
उनसे जब पूछे बेवफाई की वजह हैं क्या
वोह तब भी कुछ न बताये तो क्या करू...
*!*
यूंह तो तेरी महफ़िल में मिलते हैं सब गले
कोइए दिल से नहीं मिलता तो क्या करू...
*!*
कोइए नहीं हैं अपना इस शहर में
तेरा शहर न छोड़ जाऊ तो क्या करू...

Wednesday, November 23, 2011

इकरार – ए – मोहब्बत

"इकरार – ए – मोहब्बत करके तो देख रोमिल,
ज़िन्दगी का रुख ही बदल जायेगा,
जो तुझे आज लगता है ज़माने से डर,
कल देखना ज़माना खुद तुझसे डर जायेगा”

Saturday, November 19, 2011

दर्द इतना बढ़ गया है कि अब क्या सुनाये

दर्द इतना बढ़ गया है कि अब क्या सुनाये,
आँखें हो गई है पत्थर, कितना इंतज़ार और हम कर पाए,
मर जाने दो, बस खुली रहेंगे आँखें हमारी,
तुम्हारे इंतज़ार में बोलो इससे ज्यादा और क्या कर जाये!
बोलो! बोलो ! बोलो रोमिल !

Friday, November 18, 2011

Tere Waste Mera Ishq Sufiyana - The Dirty Picture (2011)

Rab ki qawali hai ishq koi
Dil ki diwali hai ishq koi
Mehki si pyaali hai ishq koi
Subah ki laali hai ishq
Girta sa jharna hai ishq koi
Uthta sa kalma hai ishq koi
Saanson mein lipta hai ishq koi
Aankhon mein dikhta hai ishq

Mere dil ko tu jaan se juda kar de
Yun bas tu, mujhko fanaa kar de
Mera haal tu, meri chaal tu
Bas kar de aashiqana
Tere vaaste mera ishq sufiyana
Mera ishq sufiyana, mera ishq sufiyana
Tere vaaste mera ishq sufiyana
Mera ishq sufiyana, mera ishq sufiyana

( Rab ki qawali hai ishq koi
Dil ki diwali hai ishq koi
Mehki si pyaali hai ishq koi
Subah ki laali hai ishq )

Sochun tujhe toh hai subah
Sochun tujhe toh shaam hai

Haan manzilon pe ab toh meri, ek hi tera naam hai
Teri aag meri jalti, koyle se meera banki
Khwaabon se aagey chal ke hai tujhe bataana

Tere vaaste mera ishq sufiyana
Mera ishq sufiyana, mera ishq sufiyana
Tere vaaste mera ishq sufiyana
Mera ishq sufiyana, mera ishq sufiyana

Saath-saath chalte-chalte haath chhoot jaayenge
Aisi raahon mein milo naa
Baatein-baatein karte-karte raat katt jaayegi
Aisi raaton mein milo naa

Kya hum hain, kya rab hai
Jahan tu hai, wahin sab hai
Tere lab mile mere lab khile
Ab door kya hai jaana

Tere vaaste mera ishq sufiyana
Mera ishq sufiyana, mera ishq sufiyana
Tere vaaste mera ishq sufiyana
Mera ishq sufiyana, mera ishq sufiyana

( Rab ki qawali hai ishq koi
Dil ki diwali hai ishq koi
Mehki si pyaali hai ishq koi
Subah ki laali hai ishq )

Mere dil ko tu jaan se juda kar de
Yun bas tu, mujhko fanaa kar de
Mera haal tu, meri chaal tu
Bas kar de aashiqana
Tere vaaste mera ishq sufiyana
Mera ishq sufiyana, mera ishq sufiyana
Tere vaaste mera ishq sufiyana
Mera ishq sufiyana, mera ishq sufiyana

Thursday, November 17, 2011

काश

रोमिल, काश रब करे ऐसा हो जाये,
तू मेरी कब्र बन जाये और मैं तुझमे समां जायुं !

Tuesday, November 15, 2011

मरने से पहले

अब कुछ भी लिखने को मन नहीं करता,
फिर भी कलम में स्याही डालता रहता हूँ,
शायद मैं मरने से पहले कुछ कहना चाहता हूँ...

सभी खवाब मेरे बिखर चुके है,
फिर भी रोज़ खवाबो की माला मैं बुनता रहता हूँ,
शायद मैं मरने से पहले खवाबो को सच होता देखना चाहता हूँ....

अगर रब मिलेगा कभी,
तो उससे पूछूँगा सवाल बहुत सारे,
पर लोग कहते है मरने से पहले वोह किसी से मिलता नहीं है,
फिर भी रोज़ मैं उससे मिलाने की खवाइश दिल में बुनता रहता हूँ,
शायद मैं मरने से पहले रब से कुछ बातें पूछना चाहता हूँ....

मैं मरने से पहले रोमिल दिल को एक बार खुश देखना चाहता हूँ!

Monday, November 14, 2011

एहसान

"रोमिल, जाते-जाते इस दुनिया से एक एहसान मेरे लिए कर जाना
अपनी कब्र को नाम मेरे कर जाना"

Sunday, November 13, 2011

मैं हाथ की लकीरों का मोहताज नहीं...

मेरे हौसलों में वो उड़ान हैं मैं अपनी किस्मत बदल लूँगा रोमिल,
मैं हाथ की लकीरों का मोहताज नहीं...

#रोमिल

Saturday, November 12, 2011

फिर फूल झड़ने लगे...

रोमिल, उनकी बातों से फूल झड़ते थे
दिल की आरज़ू हैं कि फिर फूल झड़ने लगे...

#रोमिल

Friday, November 11, 2011

तुम भी वीरान हो गए हो !

रोमिल, अगर मेरा भी दिल-ए-आशियाना उजड़ा है
आँखें यह भी कहती है कि तुम भी वीरान हो गए हो !

#रोमिल

Thursday, November 10, 2011

बिखर कर दूसरे की ज़िन्दगी में खुशबू लाते है...

"रोमिल, कांटे हमेशा डाली के साथ लिपटे रहते है...
मगर फूल हमेशा बिखर जाते है और बिखर कर दूसरे की ज़िन्दगी में खुशबू लाते है..."

#रोमिल

Wednesday, November 9, 2011

मैं खुश हूँ उसे खुश देखकर...

रोमिल, अपने दिल-ए-अरमान को सर-ए-दुनिया में बेचकर
मैं खुश हूँ उसे खुश देखकर...

Tuesday, November 8, 2011

सुकून

गर मंदिर में सुकून मिलता
गर मस्जिद में सुकून मिलता
तो रोमिल, इंसान घर क्यों जाता?

#रोमिल अरोरा

Monday, November 7, 2011

आदत

उसे जो झूठ बोलने की आदत पड़ गई हैं रोमिल,
कसूर मेरा था जो उसकी हर बात पर ऐतबार कर लेता था.

#रोमिल

Sunday, November 6, 2011

सच्चाई का मैं आइना था...

पत्थर का छोटा सा टुकड़ा भी मुझे तोड़ जाता था रोमिल
सच्चाई का मैं आइना था...

Saturday, November 5, 2011

शुक्र

शुक्र खुदा का इतना हैं वोह आये नज़र तो सही
रोमिल, मेरे साथ नहीं, किसी और के साथ ही सही!

Wednesday, November 2, 2011

जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं

जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
हमको उनका ख़याल आता हैं
अपना दीवानापन याद आता हैं
उनका हुस्न याद आता हैं.
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
***
जलती हुई आग के सामने
जलते हुए दो बदन याद आते हैं...
कभी उनका नज़रें झुकाना याद हैं
कभी नज़रों से तीर चलाना याद आता हैं.
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
हमको उनका ख़याल आता हैं...
***
कहने को तो बहुत बातें थी
मगर लाबून का थर-थराना याद आता हैं
कभी उनका कुछ कहते-कहते रुक जाना याद आता हैं
कभी हमारा मिश्री की तरह बातें बोलना याद आता हैं...
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
हमको उनका ख़याल आता हैं...
***
हर लम्हा बहुत तड़फाता हैं
पल-पल याद दिलाता हैं
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
चहरे से जुल्फों को हटाना याद आता हैं
शर्म से पैरों को दामन में छुपाना याद आता हैं
मखमली हाथों में चूड़ियों का खन-खनाना याद आता हैं
वो उँगलियों से ज़मीन पर हरकतें करना याद आता हैं...
जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं
हमको उनका ख़याल आता हैं
अपना दीवानापन याद आता हैं
उनका हुस्न याद आता हैं.
रोमिल, जब-जब सर्दियों का मौसम आता हैं...

#रोमिल

Tuesday, November 1, 2011

एक टूटा हुआ पत्ता उड़कर मेरे पास आया

एक टूटा हुआ पत्ता उड़कर मेरे पास आया
मुझसे पूछा
किसकी खता से मेरा यह हाल हुआ हैं
हवा का कसूर हैं या
खिज़ा का...



अभी तो डाल पर ठीक से नहीं झूल सका
अभी तो कई पंछियों की आवाज़े मुझे सुननी बाकी थी
अभी तो मैंने नहीं देखे कई बसंत
किसकी खता से मेरा यह हाल हुआ हैं
हवा का कसूर हैं या
खिज़ा का...


मैं बोला 
नहीं पता मुझे किसका कसूर हैं
हवा का, खिज़ा का या
खुदा का
बस इतना जानता हूँ कि
कसूर किसी का तो हैं...