Tuesday, December 27, 2011

तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...

तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने
याद हैं मुझको वोह पल
वोह बातें
वोह फ़साने कितने...
तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...
***
सड़क पर साथ-साथ चलना तेरा साया बनकर
वोह देख के तुझको मेरा नज़रे चुराना
रात में छत पर चुपके से आ जाना दीदार को तेरे
तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...
याद हैं मुझको वोह पल
वोह बातें
वोह फ़साने कितने...
तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...
***
वोह सहेलियों संग तेरा मुस्कुराना
देखकर मुझको बातें बनाना
धूप में तेरा जुल्फे सुखाना
मेरी हथेलियों को तेरा छूकर निकल जाना
याद हैं मुझको वोह पल
वोह बातें
वोह फ़साने कितने...
रोमिल तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...

#रोमिल

2 comments:

pari said...

wow this is how u met nani na.
nice

ROMIL ARORA said...

sukriya...

nahi baba... yeh humne NAAZ ke liye likhi thi...

waise aapko e-mail ki hai humne...