Saturday, December 31, 2011

kuch shabd...

उसकी तमन्ना के सिवा ज़िन्दगी में कोई तमन्ना नहीं,
मुझे तो रोमिल, जररे-जररे में उसका चेहरा नज़र आता है.
***
लोग कहते है परवर दीगार के घर जाया कर,
मैं कहता हूँ उसने अभी तक मुझे अपना पता बताया नहीं.

लोग कहते है रब के सामने सर झुकाया कर,
मैं कहता हूँ रोमिल, वोह कभी सामने आया नहीं.

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