एक टूटा हुआ पत्ता उड़कर मेरे पास आया
मुझसे पूछा
किसकी खता से मेरा यह हाल हुआ हैं
हवा का कसूर हैं या
खिज़ा का...
अभी तो डाल पर ठीक से नहीं झूल सका
अभी तो कई पंछियों की आवाज़े मुझे सुननी बाकी थी
अभी तो मैंने नहीं देखे कई बसंत
किसकी खता से मेरा यह हाल हुआ हैं
हवा का कसूर हैं या
खिज़ा का...
मैं बोला
मुझसे पूछा
किसकी खता से मेरा यह हाल हुआ हैं
हवा का कसूर हैं या
खिज़ा का...
अभी तो डाल पर ठीक से नहीं झूल सका
अभी तो कई पंछियों की आवाज़े मुझे सुननी बाकी थी
अभी तो मैंने नहीं देखे कई बसंत
किसकी खता से मेरा यह हाल हुआ हैं
हवा का कसूर हैं या
खिज़ा का...
मैं बोला
नहीं पता मुझे किसका कसूर हैं
हवा का, खिज़ा का या
खुदा का
बस इतना जानता हूँ कि
कसूर किसी का तो हैं...
हवा का, खिज़ा का या
खुदा का
बस इतना जानता हूँ कि
कसूर किसी का तो हैं...