Thursday, March 22, 2018

हम तो छुप-छुप कर तेरी बातें किया करते हैं...

हम तो छुप-छुप कर तेरी बातें किया करते हैं... 
न जाने कैसे महफ़िल में खबर हो जाती हैं... 
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हम तो छुप-छुप कर रो लिया करते हैं... 
न जाने कैसे ज़माने को खबर हो जाती है... 
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हम तो छुप-छुप कर उनको देखा करते हैं... 
न जाने कैसे दोस्तों को खबर हो जाती हैं...
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हम तो छुप-छुप कर लिखते हैं उनको खत... 
न जाने कैसे उनको ख़बर हो जाती हैं... 

- रोमिल राज

फ़ितरत

फ़ितरत बदल जाए हसीनों की यह हो नहीं सकता... 
दिल खेलने वाले, दिल लगाए यह हो नहीं सकता... 

#रोमिल अरोरा

न मिल सके इस जहाँ में तो क्या...

न मिल सके इस जहाँ में तो क्या... 
उस जहाँ में तुझसे मुलाक़ात होगी... 

न हो सके तू मेरा इस जहाँ में तो क्या... 
उस जहाँ में तू मेरा होगा... 

रब के सामने तुझे अपना बनाना है मुझे 
न मिल सके यह जिस्म तो क्या... 
उस जहाँ में रूह से रूह की मोहब्बत होगी... 

- रोमिल राज

इस साल भी

इस साल भी ईद का चाँद हमको जला गया... 
इस साल भी अधेरों का साथ हो गया... 
इस साल भी मोहब्बत की हवेली नीलाम हो गई... 
इस साल भी ज़िन्दगी तन्हा हो गई... 

- राज

इस साल उसकी यादों ने बहुत सताया

इस साल उसकी यादों ने बहुत सताया 
बहुत रुलाया 
बहुत तड़फाया 
आँखों से गिरते रहे आंसू
ख़ुशी का एक भी पल न आया... 
इस साल... 
***
पूछते रहे लोग हाल-ए-दिल मेरा 
किसी से मगर यह दिल कुछ कह न पाया... 
इस साल...
***
कसूर किसका था 
मेरा या 
उसका
यह दिल अभी तक समझ न पाया... 
इस साल उसकी यादों ने बहुत सताया 
बहुत रुलाया 
बहुत तड़फाया...

- राज

Wednesday, March 21, 2018

क्या करना...

जो पल बीत गया उसे याद क्या करना... 
अपनी मजबूरियों से परेशान किसी को क्या करना... 
अपनी उदासियों से किसी को उदास क्या करना... 
हवा के झोके का तो काम होता है उजाड़ देना उससे फरियाद क्या करना... 

- राज

यह तो हम खुद ही थे जो मज़ाक बन बैठे...

किसकी मज़ाल थी हमारा मज़ाक बनाये... 
यह तो हम खुद ही थे जो मज़ाक बन बैठे... 

- राज